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वाराणसी

ज्ञानवापी मामले में नहीं पहुंचे मुस्लिम पक्षकार, वजूखाना सर्वे की सुनवाई टली

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वाराणसी। ज्ञानवापी के भीतर वजूखाना के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग पर हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कई मुस्लिम पक्षकार पेश नहीं हुए। इस वजह से मामले की सुनवाई अब नौ जुलाई को होगी। इससे पहले हुई सुनवाई में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से वकालतनामा दाखिल कराया गया था। लेकिन, बुधवार की सुनवाई के वक्त अदालत में पेश न होने की वजह से सुनवाई टल गई।

कोर्ट ने याची के अधिवक्ता सौरभ तिवारी को निर्देश दिया कि वह 24 घंटे के भीतर अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के वकील एसएफए नकवी को सुनवाई की अगली तारीख की जानकारी दे दें। यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत ने राखी सिंह की ओर से वाराणसी जिला जज के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसमें जिला जज की अदालत ने वजूखाने के सर्वेक्षण की इजाजत देने से इन्कार कर दिया था।

ASI ने पहले ही ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर वाराणसी जिला जज को रिपोर्ट सौंप दी थी। इसमें दावा किया गया है कि मौजूदा संरचना (ज्ञानवापी मस्जिद) के निर्माण से पहले एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था। इसी आधार पर वादी राखी सिंह ने जिला जज की अदालत में वजूखाने के सर्वेक्षण की मांग के लिए सिविल वाद दाखिल किया था, जिसे जिला जज ने 21 जुलाई 2021 को खारिज कर दिया था। इसके खिलाफ राखी सिंह ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

विश्वनाथ काॅरिडोर के नाम पर अधिग्रहीत भूमि का स्वामित्व विश्वनाथ मंदिर के पक्ष में घोषित करने व अंजुमन इंतजामिया से जमीन की अदला-बदली को चुनौती देने वाली याचिका पर कोर्ट ने कहा कि पहले पक्षकारों को वादी नोटिस दें फिर निर्धारित अवधि 60 दिन बीतने पर कोर्ट में दाखिल करें।

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