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वाराणसी

जिले में शुरू हुआ टीबी एसीएफ़ का दूसरा चरण

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चार मार्च तक घर-घर जाकर खोजे जाएंगे टीबी मरीज

पहले चरण में 70 लोगों का लिया सैंपल, जांच में सभी निगेटिव

जनपद की 20 प्रतिशत आबादी को कवर करने का लक्ष्य

वाराणसी: राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में बुधवार से सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान का दूसरा चरण शुरू हुआ है। यह चरण चार मार्च तक चलेगा जिसमें स्वास्थ्य टीम घर-घर जाकर लोगों की स्क्रीनिंग कर रही है। स्क्रीनिंग में टीबी के संभावित लक्षण पाये जाने पर उनक सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए भेज रही है। पहले चरण में संचालित किए गए विशेष अभियान में 70 व्यक्तियों के सैंपल एकत्रित कर जांच के लिए भेजे गए जिसमें कोई भी व्यक्ति धनात्मक नहीं पाया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी ने बताया कि जनपद में सक्रिय क्षयरोगियों को खोजने के लिए अभियान शुरू हो चुका है। इस अभियान में उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों, मलिन बस्तियों आदि पर ज़ोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही टीबी के कारण, लक्षण, जांच, उपचार व पोषण के लिए उपचार के दौरान हर माह मिलने वाले 500 रुपये के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा रही है। सीएमओ ने जनमानस से अपील की कि टीबी रोग छिपाने से ठीक नहीं होगा। टीबी के लक्षण दिखने पर जल्द से जल्द जांच करानी चाहिए। टीबी की पुष्टि होने के बाद डॉक्टर के परामर्श पर सम्पूर्ण उपचार के साथ पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ पीयूष राय ने बताया कि यह अभियान जनपद की कुल 23 टीबी यूनिट के माध्यम से शुरु हो गया है। अभियान के लिए शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लिए 235 टीम तैयार की गई हैं, जो घर-घर जाकर टीबी रोगियों को खोजने का कार्य कर रही हैं। इस दौरान 47 सुपरवाइजर टीमों की निगरानी कर रहे हैं । शहर के लिए 23 सुपरवाइज़र और 115 टीम तैयार की गईं हैं जबकि ग्रामीण के लिए 24 सुपरवाइज़र और 120 टीम तैयार की गईं हैं। अभियान के तहत शहरी एवं ग्रामीण मलिन बस्तियों व उच्च जोखिम जनसंख्या (एचआईवी एवं डायबिटीज़) के 20 प्रतिशत आबादी को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि देश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाए जा रहे है। इसके साथ ही उन्हें पौष्टिक आहार के लिए प्रतिमाह 500 रुपए की आर्थिक सहायता सीधे बैंक खातों में उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने समस्त निजी चिकित्सकों व पैथालॉजी संचालकों से अपील की कि यदि कोई टीबी संभावित रोगी उनके क्लीनिक में आता है तो उसकी सूचना संबंधित नोडल सेंटर या फिर जिला क्षय रोग केंद्र को अवश्य दें।
एनटीईपी के जिला कार्यक्रम समन्वयक व जिला पब्लिक प्राइवेट मिक्स समन्वयक नमन गुप्ता ने बताया कि सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान के तहत 20 व 21 फरवरी तक चले विशेष अभियान में कुल 25820 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इसमें से टीबी संभावित लक्षण वाले 70 व्यक्तियों का बलगम सैंपल जांच के लिए एकत्रित किया गया। जांच में कोई भी व्यक्ति धनात्मक नहीं पाया गया।

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