मऊ
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्वास्थ्य समिति की बैठक संपन्न

सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर संस्थागत प्रसव सुनिश्चित करने के निर्देश
मऊ। जिलाधिकारी प्रवीण मिश्र की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति के शासी निकाय की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक के दौरान सरकारी एवं निजी स्वास्थ्य केंद्रों में संस्थागत प्रसव की समीक्षा की गई, जिसमें महिला चिकित्सालय में 35.24 प्रतिशत, मोहम्मदाबाद गोहाना में 57.75 प्रतिशत और घोसी में केवल 50.89 प्रतिशत संस्थागत प्रसव दर्ज किए गए। इस पर असंतोष जताते हुए जिलाधिकारी ने सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों को शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव कराने के निर्देश दिए।मातृ मृत्यु दर की समीक्षा में गर्भधारण से लेकर प्रसव तक की अवधि में होने वाली सभी मौतों को आंकड़ों में शामिल करने के निर्देश दिए गए। राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान अधिकांश टीकाकरण की स्थिति संतोषजनक पाई गई, हालांकि हेपेटाइटिस बी शून्य डोज और पोलियो के 84.07 प्रतिशत कवरेज पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई गई। जिलाधिकारी ने टीकाकरण को शत-प्रतिशत सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा के समय बताया गया कि अब तक 164 पंजीकृत रोगियों में से 2602 किट का वितरण किया गया है और वर्तमान में 3260 रोगियों का इलाज चल रहा है। आरबीएसके टीम द्वारा अप्रैल माह में 26 बच्चों का उपचार किया गया, जबकि एसएनसीयू में 41 बच्चों का इलाज हुआ। मोहम्मदाबाद गोहाना क्षेत्र से किसी भी बच्चे को एसएनसीयू में भर्ती न कराए जाने पर विशेष ध्यान देने को कहा गया।एनआरसी में बच्चों की भर्ती की समीक्षा में घोसी एवं रतनपुर से केवल एक-एक बच्चे की भर्ती पर नाखुशी जताते हुए जिलाधिकारी ने अधिकाधिक जरूरतमंद बच्चों के इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। अप्रैल माह में कुल 23 बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराया गया था।ब्लड बैंक की समीक्षा के दौरान रक्त की उपलब्धता पर जोर देते हुए लोगों में जागरूकता फैलाने और अधिक से अधिक यूनिट संग्रहित रखने के निर्देश दिए गए। बैठक में बताया गया कि 70 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों के लिए जनपद के सभी विकासखंडों में आयुष्मान कार्ड बनाए जा रहे हैं। अप्रैल माह में योजना के तहत 662356 लाभार्थियों में से 99.24 प्रतिशत का भुगतान हो चुका है।एंबुलेंस सेवा 102 व 108 की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने वाहनों की फिटनेस, ऑक्सीजन और एसी की नियमित जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए ताकि मरीजों को बेहतर सेवा मिल सके।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी समेत समस्त स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।