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जर्जर कलवारी-टांडा पुल के मरम्मत कार्य में सुस्ती, सुरक्षा के बिना जोखिम उठा रहें श्रमिक और राहगीर

डायवर्जन के बावजूद मशीनों के बगल से जोखिम उठा गुजर रहे बाइक सवार
कलवारी टांडा पुल पर श्रमिकों की सुरक्षा का इंतजाम नदारद
कलवारी (बस्ती)। जिले को अम्बेडकर नगर से जोड़ने के लिए सरयू नदी पर बना पूर्वांचल के सबसे लंबा जर्जर कलवारी टांडा पुल के मरम्मत हेतु पुल की सतह को तोड़ने का कार्य चल रहा है। करीब 25 दिन का वक्त बीत जाने के बाद एक लेन पर जगह जगह करीब 1 किलोमीटर ही सतह को तोड़ा जा सका है। पुल पर एक पोकलैंड व तीन एमटी मशीन लगाकर मात्र 10 मजदूरों के भरोसे बहुत ही धीमी गति से कार्य किया जा रहा है। पुल की साथ तोड़ने के बीच रोक के बावजूद निर्माणाधीन पुल से बड़ी संख्या में बाइक सवार जोखिम उठाकर मशीनों के बगल से गुजर रहे हैं। पुल पर कार्य कर रहे श्रमिकों के पास सुरक्षा को लेकर किस तरह की व्यवस्था कार्यदायी कंपनी द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया है। ऐसे में जोखिम उठा श्रमिक कार्य कर रहे हैं।
बस्ती को अम्बेडकर नगर से जोड़ने के लिए सरयू नदी पर वर्ष 2013 में 72 खंभों पर 2231 मीटर लंबा पुल बनकर तैयार हुआ था। पुल बनने के पांच साल बाद लुंबिनी-दुद्धी मार्ग टू लेन हाईवे बनकर तैयार हुआ। इस हाईवे का आवागमन बस्ती-अम्बेडकर नगर के बीच सरयू नदी पर नया पुल निर्माण के बजाय पहले से बनाए गए इसी पुल से कर दिया गया। जबकि इस पुल की चौड़ाई हाईवे के लिहाज से कम है। पुल पर पहले की अपेक्षा अधिक दबाव बढ़ा तो बहुत कम समय मे यह पुल जर्जर हो गया।
रिपोर्ट के अनुसार, जर्जर पुल के एक्सपेंशन ज्वाइंट, बेयरिंग, रेलिंग व सतह का मरम्मत किया जाना है। 11 सितंबर से इस पुल का वृहद मरम्मत कार्य शुरू हुआ और प्रशासन की तरफ से रूटडायवर्जन करते हुए इस पुल से आवागमन पूरी तरह बंद करने का ऐलान किया गया। मरमत कार्य धीमा होने के कारण आज भी इस जर्जर पुल से आवागमन बंद होने के बाद बड़ी संख्या में बाइक सवार जोखिम उठा धड़ल्ले से गुजर रहे हैं। ऐसे में रूट डायवर्जन पर जहां सवाल खड़े हो रहे हैं वहीं जोखिम के बीच बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी हुई है।
पुल की सतह तोड़ने के लिए कार्य कर रहे श्रमिक अच्छेलाल, आकाश व सुमित ने बताया कि वह एमटी मशीन से सतह को तोड़ने का काम कर रहे हैं। कंपनी की तरफ से सुरक्षा को लेकर उन्हें किसी तरह का न तो हेलमेट, चश्मा, जूता या अन्य कोई जैकेट आदि तक उपलब्ध नहीं करवाया गया है। फर्स को तोड़ते समय उससे निकलने वाली रेत आंखों में भर रही है। जोखिम उठाकर पुल की सतह को तोड़ने का काम कर रहे हैं। कहा कि लगातर बड़ी संख्या में बाइक सवार बगल से गुजर रहे हैं जिससे काम करने में भी समस्या होती है और दर्घटना कि आशंका बनी रहती है।
इस संबंध में साइड इंजीनियर रजनीश यादव ने बताया कि अभी एक लेन की सतह तोड़ने का कार्य चल रहा था। स्थानीय लोगों की सुबिधा को ध्यान में रखते हुए बाइक सवार व पैदल लोग पुल से निकल रहे हैं। कार्य बढ़ने पर आवागमन पूरा बंद कर दिया जाएगा। श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर जैकेट, चश्मा व हेलमेट आदि उन्हें दिया गया है। अगर बिना सेफ्टी के अगर श्रमिक कार्य कर रहे हैं तो इसकी जांचकर उन्हें उपलब्ध करवाया जाएगा।