मिर्ज़ापुर
जमालपुर क्रशर प्लांट में श्रमिकों के लिए जागरूकता और स्क्रीनिंग कार्यक्रम आयोजित

मिर्जापुर। राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में चल रही सक्रिय स्क्रीनिंग गतिविधियों के क्रम में बुधवार, 25 जून 2025 को जमालपुर क्षेत्र स्थित जय मां भंडारी क्रशर प्लांट में कार्यरत श्रमिकों के लिए टीबी जागरूकता व स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य श्रमिकों को क्षय रोग के लक्षण, बचाव और उपचार के प्रति जागरूक कर उन्हें समय पर जांच और इलाज की सुविधा दिलाना था।
क्षय रोग विभाग के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर सतीश शंकर यादव ने श्रमिकों को बताया कि यदि किसी को दो सप्ताह से अधिक समय तक खांसी हो, बलगम में खून आए, रात में पसीना आए, बुखार बना रहे या वजन तेजी से घटे तो तत्काल जांच करवाना चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकारी अस्पतालों में टीबी की जांच और इलाज पूरी तरह निशुल्क है। इलाज के दौरान मरीजों को प्रति माह एक हजार रुपये की सहायता राशि भी दी जाती है।
कार्यक्रम में टीबी के फैलाव को रोकने के उपायों पर भी जोर दिया गया। यादव ने समझाया कि टीबी से पीड़ित व्यक्ति को खांसते या बोलते समय रुमाल या मास्क का उपयोग करना चाहिए और नियमित दवाइयों का सेवन करना चाहिए, ताकि वह पूरी तरह स्वस्थ होकर फिर से सामान्य जीवन जी सके।कार्यक्रम में क्रशर प्लांट के संचालक अरविंद कुमार मौर्या, विनोद कुमार और प्लांट मैनेजर अखिलेश कुमार ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई।
जमालपुर के सीनियर ट्यूबरक्लोसिस लैबोरेटरी सुपरवाइजर अखिलेश कुमार यादव ने स्क्रीनिंग प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई। ऐसे आयोजन उन औद्योगिक स्थलों पर बेहद प्रभावी साबित हो सकते हैं, जहां श्रमिक लंबे समय तक धूल और प्रदूषण के संपर्क में रहते हैं, जिससे उन्हें टीबी का खतरा अधिक होता है।
यह जागरूकता और स्क्रीनिंग शिविर राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम और प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाना है।
इसके तहत औद्योगिक श्रमिकों जैसे उच्च जोखिम वाले वर्गों में सक्रिय केस खोज की जा रही है, ताकि समय रहते टीबी की पहचान कर उसका इलाज सुनिश्चित किया जा सके।इस कार्यक्रम ने श्रमिकों में न सिर्फ टीबी के प्रति जानकारी बढ़ाई, बल्कि उन्हें मुफ्त सरकारी सेवाओं का लाभ लेने के लिए भी प्रेरित किया। मिर्जापुर जैसे क्षेत्रों में इस तरह के प्रयास टीबी नियंत्रण के लिए बेहद जरूरी हैं और भविष्य में अन्य औद्योगिक इलाकों में भी इस तरह के आयोजन की आवश्यकता बनी रहेगी।