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सियासत

जनसंख्या पर मोहन भागवत के बयान से गरमायी सियासत, संजय राउत का तंज

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मोहन भागवत का बयान क्या था ?

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के जनसंख्या पर दिए गए बयान को लेकर राजनीतिक हलकों में विवाद तेज हो गया है। विपक्षी दलों ने उनके बयान की कड़ी आलोचना की है। शिवसेना (उद्धव गुट) के वरिष्ठ नेता और सांसद संजय राउत ने आरएसएस प्रमुख पर हमला बोलते हुए बीजेपी पर भी निशाना साधा है।

संजय राउत ने बयान देते हुए कहा, “मोहन भागवत को देश की जनसंख्या को लेकर काफी चिंता है। लेकिन वे यह भी बताएं कि आखिर जनसंख्या को कितना बढ़ाना चाहते हैं? उनकी यह सलाह बीजेपी के नेताओं को दी जानी चाहिए। एक तरफ सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लाना चाहती है, और दूसरी तरफ आरएसएस, जो बीजेपी की पेरेंट बॉडी है, वह कहती है कि बच्चे बढ़ाओ।”

‘भागवत बुजुर्ग हो गए हैं’
संजय राउत ने आरएसएस प्रमुख पर तंज कसते हुए कहा, “हमारा देश खतरे में है, लेकिन क्या सरकार नौकरी दे रही है? किसानों को फसल का उचित दाम दे रही है? क्या पढ़ाई मुफ्त में दे रही है? मोहन भागवत बुजुर्ग आदमी हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताना चाहिए कि अगर हिंदू खतरे में हैं, तो उनकी नीतियों की वजह से पूरे विश्व में हिंदू समुदाय खतरे में है।”

मोहन भागवत का बयान क्या था ?
गौरतलब है कि मोहन भागवत ने रविवार को अपने बयान में जनसंख्या गिरावट को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने कहा था, “आधुनिक जनसंख्या विज्ञान के अनुसार, जब किसी समाज की प्रजनन दर 2.1 से नीचे चली जाती है, तो वह समाज धीरे-धीरे धरती से समाप्त हो जाता है। इसी तरह कई भाषाएं और समाज लुप्त हो चुके हैं। हमारी जनसंख्या नीति 1998 या 2002 में बनाई गई थी, जिसमें कहा गया था कि समाज को जीवित रहने के लिए 2.1 की वृद्धि दर आवश्यक है।”

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मोहन भागवत के इस बयान पर विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुछ इसे देश के जनसांख्यिकीय मुद्दों पर चर्चा के लिए अहम बता रहे हैं, तो कुछ इसे राजनीतिक एजेंडा करार दे रहे हैं।

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