वाराणसी
छितौना कांड में घायल छोटू राजभर की मौत
वाराणसी। जिले के छितौना गांव में पांच जुलाई को हुई मारपीट में गंभीर रूप से घायल छोटू राजभर (45) का तीन माह के संघर्ष के बाद बीती रात बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में निधन हो गया। इस घटना से गांव में गहरा आक्रोश व्याप्त है।
मृत्यु के बाद पुलिस ने इस मामले में आरोपी भाजपा के पूर्व बूथ अध्यक्ष संजय सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। तनाव के मद्देनज़र घटना स्थल एवं छितौना गांव में भारी पुलिस फोर्स तैनात की गई है। कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने मृतक के प्रति दुख व्यक्त किया है। उन्होंने शुक्रवार को सोशल मीडिया के माध्यम से इस घटना की जानकारी दी।
चौबेपुर थाना क्षेत्र के छितौना गांव में पांच जुलाई की सुबह मवेशी चराने को लेकर दो पक्षों में विवाद शुरू हुआ। विवाद बढ़ने पर मारपीट, पथराव और धारदार हथियार से हमला हुआ, जिसमें चार लोग घायल हुए। इस हमले में छोटू राजभर गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

घटना के बाद नाराज कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर व सुभासपा समर्थकों ने चौबेपुर थाने पर दबाव डालते हुए भाजपा बूथ अध्यक्ष संजय सिंह, अमित सिंह, अनुराग सिंह और अज्ञात के खिलाफ ज्वाला प्रसाद की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कराया। इस मामले में दो बाल अपचारी गिरफ्तार किए गए थे। भाजपा बूथ अध्यक्ष संजय सिंह भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उन्हें पं. दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
शुक्रवार सुबह ट्रॉमा सेंटर में भर्ती छोटू राजभर के निधन की सूचना पर कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने गहरा दुःख व्यक्त किया। इस घटना से प्रभावित गांव में एक बार फिर तनाव फैलने पर पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात किया।
इस घटना के विरोध में करणी सेना और सुभासपा के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर प्रदर्शन किया और चौबेपुर थाने के अंदर भी विरोध दर्ज कराया। पुलिस पर भी कार्रवाई करते हुए तत्कालीन थानाध्यक्ष रविकांत मलिक को लाइन हाजिर किया गया।
सुभासपा नेता अरविंद राजभर ने छोटू राजभर के निधन पर कहा कि यह केवल एक परिवार का नहीं बल्कि पूरे समाज का नुकसान है। चौबेपुर इंस्पेक्टर अजीत कुमार वर्मा ने पुष्टि की कि गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात है।
भाजपा बूथ अध्यक्ष संजय सिंह के भाई दिग्पाल सिंह की तहरीर पर इस मामले में सात लोगों के खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों में भोला राजभर, सुरेंद्र राजभर, राजेन्द्र राजभर, रामाश्रय राजभर, महेंद्र राजभर, राम गुलाम राजभर एवं एक अज्ञात शामिल हैं।
