गोरखपुर
छठ महापर्व 25 अक्टूबर से शुरू, डीएम और एसएसपी ने की व्यवस्थाओं की समीक्षा

गोरखपुर। पूर्वांचल की आस्था और श्रद्धा का प्रतीक छठ महापर्व 25 अक्टूबर से नहाए-खाए के साथ आरंभ हो रहा है। इसको लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी दीपक मीणा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करन नय्यर ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के सभी एसडीएम, सीओ, डीपीआरओ, नगर पंचायत अधिशाषी अधिकारियों और नगर निगम अधिकारियों से छठ घाटों की तैयारियों की समीक्षा की।
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि छठ पर्व पूर्वांचल की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान है, इसे सुरक्षित, स्वच्छ और शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न कराना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि घाटों की सफाई, रोशनी, पेयजल, बैरिकेटिंग और सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए।
डीएम दीपक मीणा ने कहा कि घाटों के आसपास की सड़कों की मरम्मत, भीड़ प्रबंधन, महिला श्रद्धालुओं के लिए अलग मार्ग और पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने नगर निगम और ग्राम पंचायतों को निर्देश दिया कि पूजा सामग्री या कूड़ा नदी में न फेंका जाए, बल्कि उसके निस्तारण के लिए विशेष डस्टबिन की व्यवस्था की जाए।
एसएसपी राज करन नय्यर ने सभी क्षेत्राधिकारियों को निर्देशित किया कि घाटों पर पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती की जाए, पानी में सुरक्षा हेतु गोताखोरों और जल पुलिस की व्यवस्था हो तथा महिला पुलिसकर्मियों की भी पर्याप्त संख्या में ड्यूटी लगाई जाए। उन्होंने कहा कि हर घाट पर कंट्रोल रूम और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, जिससे भीड़ पर निगरानी रखी जा सके।
प्रशासन ने बताया कि इस वर्ष गोरखपुर शहर के प्रमुख घाटों —राप्ती नदी के राम घाट, गोरखनाथ घाट, रोहिणी घाट, महेसरा, रामगढ़ताल, सहजनवां, भटहट, जंगल कौड़ियां, बांसगांव सहित ग्रामीण इलाकों के घाटों पर सफाई और सजावट का कार्य तेजी से चल रहा है।
27 अक्टूबर को व्रती महिलाएं डूबते सूर्य को अर्घ्य देंगी और 28 अक्टूबर की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करेंगी। इन दिनों घाटों पर लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं, इसलिए भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष इंतज़ाम किए जा रहे हैं।
डीएम ने अधिकारियों से कहा कि छठ पर्व को “जीरो वेस्ट इवेंट” के रूप में मनाया जाए और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या दुर्घटना न हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि विद्युत विभाग सभी घाटों पर 25 अक्टूबर तक प्रकाश की व्यवस्था सुनिश्चित करे और स्वास्थ्य विभाग द्वारा घाटों पर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र संचालित किए जाएं। प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे सहयोग बनाए रखें, स्वच्छता का ध्यान रखें और पर्व को श्रद्धा, अनुशासन और सामूहिक सहभागिता से मनाएं।