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वाराणसी

चौकी इंचार्ज की सूझबूझ से 10 साल पुराना जमीनी विवाद सुलझा

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200 साल बाद गांव को मिला रास्ता

वाराणसी । लोहता थाना क्षेत्र के कोटवां गांव में चौकी इंचार्ज विशाल सिंह राजपूत ने सूझबूझ और कर्तव्यनिष्ठा का परिचय देते हुए रविवार दो बड़ी समस्याओं का समाधान किया। उनकी सक्रियता ने न केवल गांव में शांति स्थापित की, बल्कि विकास का मार्ग भी प्रशस्त किया।


पहला मामला कोटवां गांव में एक दशक से चल रहे जमीनी विवाद ने वादी-प्रतिवादी के बीच तनाव बढ़ा रखा था। वादी पक्ष ने न्याय के लिए पुलिस कमिश्नर तक गुहार लगाई थी, लेकिन राजस्व टीम की पैमाइश के बावजूद विपक्षी पक्ष ने टीम को भगा दिया था। मामला चौकी इंचार्ज के संज्ञान में आने पर उन्होंने रविवार को खुद मौके पर पहुंचकर वादी-प्रतिवादी और ग्रामीणों को बुलाया। जमीन पर ही कुर्सी लगाकर सभी पक्षों से चर्चा की और अपनी निष्पक्षता और नेतृत्व क्षमता से विवादित जमीन का निपटारा कराया।


वहीं दूसरी ओर चौकी इंचार्ज विशाल सिंह राजपूत ने गांव में 200 वर्षों से लंबित रास्ते की समस्या का समाधान भी किया। रास्ते के अभाव में बहू-बेटियों को पैदल आना-जाना पड़ता था और एंबुलेंस या अन्य वाहन गांव तक नहीं पहुंच पाते थे। चौकी इंचार्ज ने हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच आपसी तालमेल बिठाया और दोनों पक्षों को अपने घरों का हिस्सा तोड़कर रास्ता बनाने के लिए प्रेरित किया। उनके प्रयास से रास्ते का निर्माण कार्य शुरू हो गया है, जो गांव के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
मुस्लिम बाहुल्य और हिंदू अल्पसंख्यक आबादी वाले इस गांव में चौकी इंचार्ज विशाल सिंह राजपूत ने न केवल सामाजिक सौहार्द्र का उदाहरण पेश किया, बल्कि अपने कर्तव्य का ईमानदारी से निर्वहन करते हुए गांव की दशकों पुरानी समस्याओं का हल निकाला। उनकी सूझबूझ और निष्ठा ने गांव में शांति और विकास का नया अध्याय लिखा है।
ग्रामीणों ने चौकी इंचार्ज के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उनका नेतृत्व गांव के लिए प्रेरणादायक है। उनके प्रयासों से न केवल वादी को न्याय मिला, बल्कि ग्रामीणों को आने-जाने के लिए एक सुविधाजनक रास्ता भी प्राप्त हुआ। चौकी इंचार्ज की पहल ने यह साबित कर दिया कि संवाद और समर्पण से जटिल समस्याओं का समाधान संभव है।

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