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गोरखपुर

गोरखपुर में फर्जी IAS की धरपकड़ अभियान तेज

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जालसाजी का नेटवर्क बेहद संगठित, कॉल डिटेल से खुलेगा पूरा सच

गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर भारी रकम के साथ पकड़े गए व्यापारी से पूछताछ के बाद पुलिस फर्जी आईएएस गौरव कुमार की तलाश में जुट गई है। गौरव कुमार पर नौकरी और ठेके दिलाने के नाम पर ठगी करने का आरोप है। पुलिस उसके कॉल डिटेल और डिजिटल रिकॉर्ड खंगाल रही है ताकि उसके नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके। अधिकारियों को उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में सफलता मिलेगी।

पुलिस के अनुसार, फर्जी अधिकारी बनकर ठगी करने वाला यह नेटवर्क बेहद संगठित ढंग से काम करता था। गौरव कुमार ने न केवल सरकारी महकमों में अपने संपर्कों का झूठा दावा किया, बल्कि खुद को 2022 बैच का आईएएस अधिकारी बताते हुए कई लोगों से नौकरी और ठेके दिलाने के नाम पर ठगी की है। गौरव कुमार अपने साथ दो लोगों को ओएसडी और निजी सचिव बताकर रखता था। यह दोनों ही लोग उसके संपर्क सूत्र और मध्यस्थ का काम करते थे।

जांच कर रही टीम को उम्मीद है कि गौरव कुमार और उसके सहयोगियों की कॉल डिटेल (सीडीआर) से पूरे नेटवर्क का खुलासा होगा। एसपी सिटी अभिनव त्यागी के निर्देश पर तकनीकी शाखा की टीम पिछले 48 घंटे से उसके तीन मोबाइल नंबरों की लोकेशन, कॉल लाग और व्हाट्सएप चैट ट्रेस कर रही है।

छानबीन में सामने आया है कि गौरव कुमार कई राज्यों में अलग-अलग नामों से सिम कार्ड का इस्तेमाल करता था। मेडिकल कॉलेज के सामने किराए के जिस कमरे में वह रहता था, उसकी निगरानी स्थानीय पुलिस कर रही है। बरामद हुए रुपये से जुड़े दस्तावेज लेने घर गया व्यापारी मुकुंद माधव अभी तक लौटा नहीं है। एलआईयू की टीम व्यापारी के बैंक खातों और लेन-देन की जांच कर रही है। इस मामले में पुलिस की कार्रवाई जारी है और फर्जी आईएएस गौरव कुमार की तलाश तेज कर दी गई है।

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