गोरखपुर
गोरखपुर महोत्सव में टेराकोटा की गुड़िया बनेंगी आकर्षण का केंद्र
ओडीओपी योजना से कारीगरों को मिला नया बाजार
गोरखपुर। आगामी गोरखपुर महोत्सव में इस बार जनपद की पहचान बन चुकी टेराकोटा की गुड़िया मुख्य आकर्षण के रूप में नजर आएंगी। एक जनपद-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत टेराकोटा शिल्प को लगातार बढ़ावा मिल रहा है, जिसका सीधा लाभ स्थानीय कारीगरों और महिलाओं को मिला है। योजना के अंतर्गत अब तक 300 से अधिक महिलाओं को टेराकोटा शिल्प का प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिससे उनके रोजगार के नए अवसर खुले हैं।
महोत्सव में लगाए जाने वाले स्टॉलों पर टेराकोटा से बनी गुड़ियां, सजावटी सामग्री और पारंपरिक कलाकृतियां प्रदर्शित व बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगी। इससे न केवल स्थानीय कलाकारों की कला को मंच मिलेगा, बल्कि उनके उत्पादों को बड़े बाजार तक पहुंच भी मिलेगी। प्रशासन का मानना है कि ओडीओपी योजना के माध्यम से टेराकोटा उद्योग को नई पहचान मिली है और गोरखपुर के कारीगर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं।
गोरखपुर महोत्सव स्थानीय संस्कृति, कला और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने का एक सशक्त माध्यम बनता जा रहा है, जहां टेराकोटा की गुड़ियां जनपद की समृद्ध परंपरा और हुनर को देश-प्रदेश के लोगों तक पहुंचाएंगी।
