गोरखपुर
गोरखपुर-आज़मगढ़ लिंक एक्सप्रेसवे पर स्थानीय लोगों की गुहार
टोल टैक्स माफी को लेकर भेजा गया पत्र
गोरखपुर से आजमगढ़ तक बने लिंक एक्सप्रेसवे से जुड़े हरनहीं गांव के लोगों ने सरकार को पत्र भेजकर गुहार लगाई है कि स्थानीय निवासियों के लिए टोल टैक्स माफी का आदेश पहले से मौजूद है, लेकिन जमीनी स्तर पर लागू नहीं हो रहा। ग्रामीणों ने मांग की है कि आमी नदी पर पुल का निर्माण जल्द कराया जाए और स्थानीय लोगों को टोल टैक्स से राहत दी जाए।
भारत सरकार के मंत्री नितिन गडकरी को भेजे गए इस पत्र में एडवोकेट सत्य प्रकाश श्रीवास्तव ने स्पष्ट किया है कि गोरखपुर से पहला टोल भगवानपुर में शुरू होता है, जिसके करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर हरनहीं गांव बसा है। यह गांव उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे वीर बहादुर सिंह का पैतृक गांव भी है।
ग्रामीणों का कहना है कि रोजमर्रा की जरूरतों, व्यावसायिक गतिविधियों और तहसील खजनी सहित गोरखपुर तक आने-जाने के लिए उन्हें एक्सप्रेसवे का इस्तेमाल करना पड़ता है। लेकिन सर्विस लेन पर आमी नदी का पुल अधूरा होने से वे मजबूरन मुख्य मार्ग से गुजरते हैं और हर दिन टोल टैक्स चुकाते हैं।
पत्र में यह भी कहा गया है कि सरकार के आदेश के बावजूद स्थानीय लोगों से मोटरसाइकिल से लेकर चारपहिया वाहनों तक टोल टैक्स वसूला जा रहा है। इससे न केवल जनता आर्थिक बोझ झेल रही है बल्कि सरकार की छवि पर भी असर पड़ रहा है। ग्रामीणों ने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने अपनी पैतृक जमीन एक्सप्रेसवे निर्माण में दी है, इसलिए उनके हित में टोल टैक्स माफी लागू की जानी चाहिए।
फिलहाल इस मामले को लेकर लोगों की नजरें केंद्र सरकार और नितिन गडकरी के फैसले पर टिकी हुई हैं। साथ ही उम्मीद की जा रही है कि हरनहीं गांव के पास आमी नदी पर पुल का निर्माण जल्द शुरू होगा, जिससे स्थानीय लोगों को सुविधा और राहत दोनों मिल सके।
