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गीता और नाट्यशास्त्र के UNESCO की सूची में आने से प्रधानमंत्री खुश

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कहा हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीमद्भगवद् गीता और भरतमुनि के नाट्यशास्त्र को यूनेस्को की ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किए जाने पर प्रसन्नता जताई है। उन्होंने इसे हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण बताया।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए लिखा कि गीता और नाट्यशास्त्र न केवल भारत की सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत के प्रतीक हैं, बल्कि इन्होंने सदियों से मानव सभ्यता और चेतना को दिशा देने का कार्य किया है।

उन्होंने कहा कि इन ग्रंथों की शिक्षाएं आज भी वैश्विक स्तर पर प्रेरणा देती हैं।प्रधानमंत्री ने यह टिप्पणी केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की पोस्ट को साझा करते हुए की।

शेखावत ने इस उपलब्धि को भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा और कला को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मान्यता मिलने वाला क्षण बताया। उन्होंने कहा कि गीता और नाट्यशास्त्र सिर्फ ग्रंथ नहीं हैं, बल्कि ये दर्शन और कला के ऐसे स्तंभ हैं, जिन्होंने भारतीय समाज के सोचने, समझने, जीने और अभिव्यक्ति के तरीकों को गहराई से प्रभावित किया है। इस ऐतिहासिक मान्यता के जरिए भारत की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पहचान मिली है।

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