चन्दौली
गांव में ट्रांसफार्मर लगवाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

ग्रामीणों ने बिजली विभाग के जेई पर लगाया आरोप—पचास हजार सुविधा शुल्क न देने पर नहीं लगाया जा रहा है गांव में ट्रांसफार्मर
चकिया (चंदौली)। भले ही प्रदेश सरकार समेत बिजली विभाग के ऊर्जा मंत्री तथा बिजली विभाग के बड़े जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा गांव-गांव में लोगों को सुगमता पूर्वक बिजली उपलब्ध कराने का फरमान जारी किया गया हो, जिससे कोई भी घर अंधेरे में न रहे और ग्रामीणों को भी कम से कम 18 घंटे की बिजली आपूर्ति तथा सुविधाएं उपलब्ध हो पाएं, मगर धरातल पर बिजली विभाग के दावों की पोल खुद विभागीय अधिकारी ही खोलते नजर आ रहे हैं।
बिजली विभाग की बेहतर आपूर्ति केवल कागजों में ही संचालित होती दिख रही है और विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
आपको बताते चलें कि पूरा मामला चकिया तहसील मुख्यालय के हरीपुर गांव का है, जहां गांव के लोगों ने बताया कि दो-तीन वर्ष पूर्व विद्युत आपूर्ति को लेकर ग्रामीणों की सुविधाओं के लिए ट्रांसफार्मर लगाया गया था, जिससे गांव की बिजली संचालित हो रही थी। लेकिन कुछ ही समय बाद तेज आंधी के कारण बिजली का पोल टूट गया, जिससे ग्रामीण आज भी परेशान हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि बिजली विभाग के अधिकारियों से बार-बार फरियाद करने के बाद भी तीन वर्ष गुजर जाने के बावजूद न तो गांव में ट्रांसफार्मर लगाया गया और न ही क्षतिग्रस्त विद्युत पोल को बदला गया।
ग्रामीणों ने बताया कि वे लोग लंबी दूरी से विद्युत आपूर्ति के लिए महंगा केबल दो से तीन हजार रुपये का खरीद कर लगभग 500 मीटर की दूरी से बिजली लाकर किसी तरह से अपना काम चला रहे हैं।
ट्रांसफार्मर लगाने के बाबत विभाग के वर्तमान जेई द्वारा 50,000 रुपये की सुविधा शुल्क की मांग की गई है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने किसी तरह 25,000 रुपये चंदा करके इकट्ठा कर दिए, लेकिन जेई साहब ने वह रकम नहीं ली और पचास हजार की मांग पर अड़े रहे कि इतने पैसे मिलने पर ही ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा। जेई साहब के इस फरमान को लेकर ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है।
ग्रामीणों ने ट्रांसफार्मर बदलवाने और बिजली बहाल करने की मांग को लेकर गांव में प्रदर्शन किया और बांस के सहारे हो रही विद्युत आपूर्ति पर आपत्ति जताते हुए पोल लगाए जाने की मांग की।
प्रदर्शन के दौरान गांव के दिनेश यादव, शिवधनी, विजय कुमार, सुबास चौहान, शैलेश कुमार, रवि जायसवाल, अमन पासवान, जितेंद्र चौहान, मुकेश चौहान, गोपाल चौहान, शिवधनी पासवान, रामधनी, कृष्णा चौहान, बब्बु चौहान, कृष्णावती, गुलाबी, चंद्रतारा, रमेश प्रजापति, रामानंद विश्वकर्मा, शिवपुजन पासवान, चंद्रतारा समेत कई ग्रामीण मौजूद रहे।