वाराणसी
गबन प्रकरण में अभियुक्त को अंतरिम राहत
वाराणसी। साड़ी कारोबार से जुड़ी एक फर्म में कार्य के दौरान जरी और रेशम की साड़ियों को कथित रूप से गायब कर उन्हें बाजार में बेचने और प्राप्त धनराशि के गबन के मामले में अदालत से अभियुक्त को अंतरिम राहत मिली है। प्रभारी सत्र न्यायाधीश की अदालत ने घीहट्टा, औरंगाबाद निवासी अभियुक्त मनीष शर्मा को 50-50 हजार रुपये की दो जमानतें व बंधपत्र प्रस्तुत करने पर अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया। साथ ही नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए एक जनवरी 2026 की तिथि निर्धारित की गई है। बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अनुज यादव, नरेश यादव, चंद्रबली पटेल और संदीप यादव ने अदालत में पक्ष रखा।
अभियोजन के अनुसार, मंगलम रिटेल, बड़ादेव, गोदौलिया की निवासिनी परिवादिनी ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें बताया गया कि उनकी फर्म में घीहट्टा, औरंगाबाद निवासी मनीष शर्मा के साथ मकरीखोह, मिर्जापुर निवासी करन उर्फ शिवम सिंह राठौर, कबीरचौरा निवासी रतन यादव, मध्यमेश्वर निवासी राहुल सेठ और रामापुरा निवासी विजय मिश्रा कार्यरत थे। फर्म की आवश्यकताओं के लिए विभिन्न तिथियों पर इन सभी को अग्रिम धनराशि दी जाती रही।
परिवादिनी के अनुसार, अग्रिम धन प्राप्त करने के बाद आरोपितों के व्यवहार और गतिविधियों में असामान्य परिवर्तन दिखने लगा। कुछ समय बाद वे कई दिनों तक दुकान पर नहीं आए। जब परिवादिनी ने उनसे धनराशि की मांग की तो उन्होंने दुकान पर आना ही बंद कर दिया। इसके पश्चात जिन काउंटरों पर आरोपितों द्वारा लेन-देन किया जाता था, उनका भौतिक सत्यापन कराया गया, जिसमें करीब डेढ़ लाख रुपये मूल्य की जरी और रेशम की साड़ियां गायब पाई गईं। आरोप है कि इन साड़ियों को बाजार में बेचकर उनकी कीमत वसूल कर ली गई।
इस प्रकरण में अभियुक्त मनीष शर्मा ने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से अदालत में आत्मसमर्पण करते हुए जमानत की अर्जी दाखिल की थी, जिस पर सुनवाई के बाद अदालत ने उसे अंतरिम जमानत प्रदान कर दी।
