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गाजीपुर

गंगा तट पर उमड़ी श्रद्धा की बयार, छतों से घाटों तक गूंजे छठ मइया के गीत

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गाजीपुर। सूर्य उपासना का चार दिवसीय महापर्व डाला छठ मंगलवार को सप्तमी तिथि पर उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करने के साथ श्रद्धा और भक्ति के माहौल में संपन्न हो गया। भोर से ही गंगा तट, सरोवर और तालाबों पर व्रती महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। पूरा शहर छठ मईया के गीतों और ‘जय छठी मइया’ के जयघोष से गूंज उठा।

व्रती महिलाओं ने अपने परिवारजनों के साथ घाटों की ओर प्रस्थान किया और पारंपरिक गीत गाते हुए भगवान सूर्य की उपासना की। सूर्योदय होते ही भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित कर 36 घंटे के कठिन निर्जला व्रत का पारण किया। इस दौरान हवन-पूजन कर लोककल्याण की कामना की गई और प्रसाद का वितरण किया गया।

गंगा तटों पर आस्थावान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। घाटों पर रंग-बिरंगे सूपों में सजाए गए ठेकुआ, फल-फूल और दीयों की रोशनी से दृश्य मनमोहक हो उठा। वहीं कई श्रद्धालु माताओं ने अपने घरों की छतों पर ही विधि-विधान से पूजा अर्चना की और उदयाचल सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया।

पूरे महानगर का वातावरण छठ गीतों से भक्तिमय बना रहा। हर गली-मोहल्ले से “काँच ही बांस के बहंगिया” और “उठु हे सूरज देव” जैसे पारंपरिक गीत गूंजते रहे।

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महापर्व के सफल आयोजन हेतु जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए थे। सभी प्रमुख घाटों पर पुलिस बल की तैनाती रही, जिससे श्रद्धालुओं ने शांति और सुव्यवस्था के बीच पूजा संपन्न की।

सूर्योपासना, स्वच्छता और सामूहिक आस्था का प्रतीक डाला छठ इस वर्ष भी गाजीपुर में उल्लास, भक्ति और अनुशासन के साथ सकुशल संपन्न हुआ।

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