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वाराणसी

गंगा का जलस्तर बढ़ा, हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह स्थल जलमग्न, कई घाटों का संपर्क टूटा

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वाराणसी में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बीते चार दिनों में पानी करीब 15 फीट तक चढ़ चुका है। बीती रात 11 बजे गंगा का जलस्तर 62.62 मीटर दर्ज किया गया। जलस्तर बढ़ने से राजेन्द्र प्रसाद घाट, मान सिंह घाट, जानकी घाट और हनुमान घाट का संपर्क पूरी तरह टूट गया है।

महाश्मशान मणिकर्णिका घाट का एक प्लेटफॉर्म पूरी तरह से जलमग्न हो चुका है। हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह स्थल पर भी पानी भर गया है और अब शवों का दाह संस्कार सीढ़ियों पर किया जा रहा है। घाट के सामने की मिट्टी कटने से स्थिति और भी खतरनाक हो गई है।

अस्सी घाट से लेकर राजघाट तक 100 से ज्यादा छोटे मंदिरों में गंगा का पानी प्रवेश कर गया है। पंडा-पुरोहितों की 300 से ज्यादा चौकियां डूब गई हैं। सिंधिया घाट के विश्व प्रसिद्ध रत्नेश्वर महादेव मंदिर का शिखर तक पानी चढ़ चुका है।

अस्सी घाट और दशाश्वमेध घाट पर आरती स्थल तक पानी आ गया है, जिससे वहां के सारे सामान और चौकियां हटा दी गई हैं। कई घाटों पर शिवलिंग और देवी-देवता भी जलमग्न हो गए हैं।

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मणिकर्णिका घाट और विश्वनाथ मंदिर गंगा द्वार की ओर आवागमन बंद होने की कगार पर है। घाटों पर कीचड़ और गंदगी फैल चुकी है। अगर जलस्तर छह फीट और बढ़ा तो मणिकर्णिका घाट और हरिश्चंद्र घाट के बचे दोनों प्लेटफॉर्म भी डूब जाएंगे।

पुलिस ने गंगा में नाव संचालन को लेकर सख्ती बढ़ा दी है। नाविकों से कहा गया है कि निर्धारित क्षमता से आधी सवारी ही बैठाएं और यात्रियों को नाव के आगे के हिस्से में न बैठाएं ताकि संतुलन बना रहे। जल पुलिस प्रभारी राजकिशोर पांडेय ने बताया कि लगातार गश्त की जा रही है और लाइफ जैकेट पहनने के लिए भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लापरवाही बरतने पर नाविकों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

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