गोरखपुर
खेत में खाट डालकर परिवार ने गुजारी रात, नहीं जला घर का चूल्हा

सरहरी (गोरखपुर)। बालापार-टिकरिया मार्ग पर शनिवार रात नाला खोदाई के दौरान रामगोपाल का मकान गिर गया था। इस वजह से परिवार के लोगों ने खेत में खाट डालकर रात गुजारी। रात से ही घर में चूल्हा तक नहीं जला। उधर, रविवार की दोपहर में पीडब्ल्यूडी की टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच की और मुआवजे का आश्वासन दिया।
राम गोपाल के पोते रितेश गुप्ता ने बताया कि रात में हमलोग टेंट हाउस से बल्ब और तार लाकर लाइट की व्यवस्था की। घर के पीछे खेत है, डर लग रहा था कि कहीं रात में सांप न आ जाए। ग्रामीणों ने बताया कि भगवानपुर निवासी पवन गुप्ता के घर में भी अभी 15 दिन पहले इसी पोकलैंड से नाला निर्माण के लिए गड्ढा खोदते समय दरार आ गई थी। इसकी शिकायत पवन गुप्ता ने जेई शैलेश सिंह से की थी।
रामगोपाल ने बताया कि घर के पीछे की तरफ कुछ हिस्सा बचा है, वह भी हिल रहा है, कब ढह जाएगा कोई भरोसा नहीं है। सोने के लिए जगह नहीं बची। पूरे परिवार ने घर के पीछे खेत में खाट डालकर जैसे-तैसे रात काटी है। रात से ही घर में चूल्हा नहीं जला था। घर गिरते ही पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर और ठेकेदार भाग गए।
परिवार में बहू-बेटे और बच्चों को लेकर कुल 12 लोग हैं। इसमें दोनों बेटे बाहर रहकर कमाते हैं। बड़ी बहू शोभा गुप्ता ने बताया कि घर में रात से ही चूल्हा नहीं जला है। सुबह बच्चों को भूख लगी तो चिप्स-बिस्कुट खरीदकर दिया गया। रामगोपाल की पोती श्रेया गुप्ता 12वीं क्लास में पढ़ती है।

श्रेया ने बताया कि रात के समय जब घर का आगे का हिस्सा गिरा था, तब वह पढ़ रही थीं। शोर सुनकर पीछे से भागी। बाहर मम्मी-पापा सभी चिल्ला रहे थे। रात से ही हम लोग घर गिरने की वजह से खेत में समय बिता रहे हैं।
15 दिन पहले दूसरे मकान में आई थी दरार
रामगोपाल के पोते रितेश गुप्ता ने बताया कि रात में हमलोग टेंट हाउस से बल्ब और तार लाकर लाइट की व्यवस्था की। घर के पीछे खेत है, डर लग रहा था कि कहीं रात में सांप न आ जाए।
ग्रामीणों ने बताया कि भगवानपुर निवासी पवन गुप्ता के घर में भी अभी 15 दिन पहले इसी पोकलैंड से नाला निर्माण के लिए गड्ढा खोदते समय दरार आ गई थी। इसकी शिकायत पवन गुप्ता ने जेई शैलेश सिंह से की थी। पवन गुप्ता ने बताया कि जेई ने मुआवजा देने की बात कही थी लेकिन अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला।
छह सदस्यीय टीम ने की जांच
रविवार को लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता रंजन सिंह के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम ने मंगलपुर के जगदीशपुर पहुंचकर निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने भवन स्वामी को हुई क्षति का आकलन कर जल्द क्षतिपूर्ति दिलाने का आश्वासन दिया।
साथ ही ठेकेदार को किसी भी मकान के पास पोकलैंड से नाले की खोदाई न करा कर जेसीबी से खोदाई कराने का निर्देश दिया। रंजन सिंह ने बताया कि मकान जितना क्षतिग्रस्त हुआ है उसका आकलन कर क्षतिपूर्ति शीघ्र दे दी जाएगी। इस दौरान उनके साथ सहायक अभियंता वीरेंद्र यादव, जेई अजीत प्रसाद, शैलेश सिंह, उमाशंकर गुप्ता और लेखपाल छांगुर प्रसाद के साथ ग्रामीण मौजूद रहे।
मुआवजा मिलने तक नहीं जाने देंगे पोकलैंड
जिस पोकलैंड से खोदाई के दौरान मकान गिरा उसे छोड़कर ठेकेदार और इंजीनियर भाग गए थे। अब ग्रामीणों ने पोकलैंड को मौके पर रोक रखा है। उनका कहना है कि जबतक मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक पोकलैंड को नहीं जाने देंगे।