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कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों के लिए बुरी खबर, कंपनी ने कोर्ट में कबूला साइड इफेक्ट की बात

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कोरोना महामारी के दौरान लोगों को बीमारी से बचाने के लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के टीके लगाए गए थे।भारत में करीब 80 फीसदी वैक्सीन डोज कोविशील्ड की ही लगाई गई है। भारत में इसका वैक्सीन का उत्पादन अदार पूनावाला के सीरम इंस्टिट्यूट ने किया था। जिसके बाद यह वैक्सीन भारत समेत दुनियाभर के करोड़ों लोगों को लगाया गया।

अब महामारी के करीब 4 साल बाद एस्ट्राजेनेका ने यूके हाईकोर्ट में दिए गए अपने अदालती दस्तावेजों में पहली बार माना है कि, उसकी कोविड-19 वैक्सीन से TTS सिंड्रोम जैसे दुर्लभ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। यह सिंड्रोम शरीर में खून के थक्के जमने की वजह बनती है। इसके चलते व्यक्ति में ब्रेन स्ट्रोक, कार्डियक अरेस्ट होने की आशंकाएं बढ़ जाती है। कंपनी ने इसके आगे यह भी कहा कि, ऐसा बेहद दुर्लभ मामलों में ही होगा और आम लोगों को डरने की जरूरत नहीं है।

वैक्सीन लेने के बाद मौत, ब्लड क्लॉटिंग और दूसरी गंभीर दिक्कतों के कारण एस्ट्राजेनेका कानूनी कार्रवाई का सामना कर रही है। कई परिवारों ने आरोप लगाया कि वैक्सीन के कारण गंभीर साइड इफेक्ट हुए हैं। जब एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन लगनी शुरू हुई थी, तब भी इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर खूब विवाद हुआ था। हालांकि तब कंपनी ने कहा था कि ट्रायल के दौरान वैक्सीन के कोई गंभीर साइड इफेक्ट्स देखने को नहीं मिले थे। वैक्सीन लगने के बाद थकान, गले में दर्द और हल्का बुखार जैसे लक्षण दिखे लेकिन किसी की मौत या गंभीर बीमारी का कोई मामला सामने नहीं आया।

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