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वाराणसी

‘कैफेबिलिटी लंका’ का शुभारंभ, दिव्यांगजनों को मिलेगा रोजगार का नया अवसर

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वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार लंका स्थित गंगा बाग कॉलोनी में एक प्रेरणादायक पहल की शुरुआत हुई। राज्य पुरस्कार प्राप्त सामाजिक संस्था कैफेबिलिटी कैफे ने अपने नए प्रतिष्ठान ‘कैफेबिलिटी लंका’ का शुभारंभ किया। इस आयोजन में वाराणसी के मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल, प्रख्यात ज्योतिषाचार्य चंद्रमौली उपाध्याय, राज्य सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. उत्तम ओझा और डॉ. संजय चौरसिया ने संयुक्त रूप से फीता काटकर कैफे का उद्घाटन किया।

मुख्य विकास अधिकारी ने इस अवसर पर कहा कि दिव्यांगजन को रोजगार देना एक बड़ी चुनौती है, लेकिन इस दिशा में संस्था द्वारा किया जा रहा प्रयास सराहनीय है। यह कदम न केवल दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बना रहा है, बल्कि उन्हें समाज की मुख्यधारा में भी जोड़ रहा है।

राज्य सलाहकार बोर्ड के सदस्य डॉ. उत्तम ओझा ने कहा कि दिव्यांगों के पुनर्वास एवं रोजगार की देश को सख्त ज़रूरत है। यदि प्रत्येक प्रतिष्ठान एक दिव्यांग को भी रोजगार दे, तो देश में कोई भी दिव्यांग बेरोजगार नहीं रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 2047 तक की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था में एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान दिव्यांगजन दे सकते हैं।

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प्रो. चंद्रमौली उपाध्याय ने दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में किए जा रहे इस कार्य को सराहनीय बताते हुए हरसंभव सहयोग देने की बात कही।

डॉ. संजय चौरसिया ने कहा कि भारत को यदि विश्वगुरु बनाना है, तो दिव्यांगजनों को रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर देकर उन्हें सशक्त बनाना होगा।

इस कार्यक्रम का संचालन एवं अतिथियों का स्वागत संस्था के सचिव सजी जोसफ ने किया। इस अवसर पर किशोर सर, राजेश पांडे, रितु पटेल, प्रतीक, बबीता, दीपक, राकेश कुमार, मोनू, लीनू, भीम सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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