वाराणसी
काशी विश्वनाथ मंदिर में इसरो के वैज्ञानिकों ने किया विशेष पूजन-अर्चन

चंद्रयान टीम ने बाबा विश्वनाथ को भेंट किया शिव शक्ति प्वाइंट का प्रतीक
वाराणसी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के 16 वैज्ञानिकों का विशेष दल शनिवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचा। सुबह 9 बजे पारंपरिक विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक कर उन्होंने आधुनिक विज्ञान और प्राचीन आस्था का अद्वितीय संगम प्रस्तुत किया। यह दल भारत के चंद्रयान अभियान का अहम हिस्सा रहा है और चंद्रयान मिशन की सफलता के बाद बाबा विश्वनाथ के दरबार में विशेष अनुष्ठान किया।
वैज्ञानिकों ने सबसे पहले श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन किए और भगवान अविमुक्तेश्वर के विग्रह पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रुद्राभिषेक संपन्न किया। चंद्र के अधिपति माने जाने वाले भगवान शिव को सनातन परंपरा में सोमनाथ और चंद्रमौलेश्वर के नामों से भी जाना जाता है। चंद्र दर्शन को शिव दर्शन की उपमा दी जाती है, ऐसे में चंद्रयान मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों का यह श्रद्धापूर्वक अनुष्ठान विज्ञान और आध्यात्मिकता के अद्भुत मेल को दर्शाता है।
पूजा-अर्चना के बाद इसरो दल ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी को चंद्रयान की विशेष प्रतिकृति भेंट की, जिसमें चंद्रमा पर मौजूद शिव शक्ति प्वाइंट का मूवमेंटो शामिल था। इसे श्री काशी विश्वनाथ धाम के प्रस्तावित संग्रहालय में संरक्षित कर प्रदर्शित किया जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ियां इसे देखकर प्रेरणा ले सकें।
मंदिर के कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्र ने बताया कि चंद्रयान मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि चंद्रमा पर शिव शक्ति प्वाइंट कहां स्थित है। सावन के अंतिम दिन बाबा विश्वनाथ के दरबार में आकर उन्हें एक विशेष ऊर्जा का अनुभव हुआ।