धर्म-कर्म
काशी के ठाठ ये गंगा घाट, ललिता घाट जहां है राजराजेश्वरी माता का मंदिर
रिपोर्ट – श्रद्धा यादव
काशी की परंपरा और संस्कृति में नवदुर्गा ही नहीं बल्कि नौ गौरी की भी विशेष मान्यता है। मां ललिता जिन्हें राजराजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी का रूप माना जाता है। उनका स्थान दस महाविद्या में तीसरा स्थान है जिन्हें अंबा या पार्वती के नाम से भी जाना जाता है। जो भगवान शिव की पत्नी है और विभिन्न दिव्य रूपों में विद्यमान है।
मां राजराजेश्वरी का मंदिर ललिता घाट पर स्थित है, जो विश्वनाथ कॉरिडोर के अंतर्गत आता है। जो तंत्र साधना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। वहीं ललिता माता का भी मंदिर है। जहां चैत्र व शारदीय नवरात्रि में विशेष दर्शन पूजन का प्रावधान है।
राजराजेश्वरी मां की पूजा विशेष रूप से तंत्र साधना के लिए किया जाता है। घाट पर स्थित मंदिर गंगा के सम्मुख होने की वजह से ऐसे ललिता तीर्थ की मान्यता है और स्थानीय लोगों के मुताबिक इन्हीं वजह से घाट का नाम ललिता घाट पड़ा।