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कर्नल सोफिया पर टिप्पणी से सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री को लगायी फटकार, एसआईटी जांच के आदेश

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नई दिल्ली। कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने साफ किया कि उनकी दी गई माफ़ी “घड़ियाली आंसू” जैसी है और इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। साथ ही मामले की जांच के लिए तीन वरिष्ठ IPS अधिकारियों की विशेष जांच टीम (SIT) गठित करने का निर्देश दिया गया है।

SIT गठित करने का आदेश, गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने यह आदेश तब दिया जब विजय शाह ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा दर्ज कराई गई FIR को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने जांच में सहयोग की शर्त पर उनकी गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगाई है, लेकिन टिप्पणी की भाषा को लेकर तीखी आपत्ति जताई है। कोर्ट ने कहा कि इस बयान ने पूरे देश को शर्मसार किया है।

मध्य प्रदेश के डीजीपी को आदेश दिया गया है कि 21 मई सुबह 10 बजे तक SIT गठित कर लें। यह टीम मध्य प्रदेश से बाहर के अफसरों से बनी होगी। इसमें एक IGP रैंक के अफसर के नेतृत्व में दो अन्य SP रैंक या उससे ऊपर के अधिकारी होंगे, जिनमें से एक महिला होंगी।

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‘सार्वजनिक पद पर बैठे व्यक्ति से अधिक जिम्मेदारी की अपेक्षा’

पीठ ने विजय शाह को फटकारते हुए कहा कि एक मंत्री होने के नाते उन्हें अपनी भाषा और व्यवहार में अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। उन्होंने सार्वजनिक रूप से जो माफ़ी दी है, वह “कानूनी परिणामों से बचने की कोशिश” जैसी प्रतीत होती है। कोर्ट ने साफ कहा, “अगर किसी को बुरा लगा हो, तो हम माफी चाहते हैं” जैसी भाषा स्वीकार्य नहीं हो सकती।

राज्य सरकार से भी पूछताछ

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से भी सवाल किया कि FIR दर्ज होने के बाद उन्होंने अब तक क्या कार्रवाई की है। जवाब में राज्य के वकील ने कहा कि जब्ती की कार्रवाई की गई है और जांच जारी है। इस पर कोर्ट ने कहा कि राज्य को निष्पक्ष दिखना चाहिए और अब जांच SIT के हवाले की जा रही है।

अगली रिपोर्ट 28 मई तक सुप्रीम कोर्ट में

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SIT को 28 मई तक अपनी पहली स्थिति रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने को कहा गया है। कोर्ट ने हालांकि यह स्पष्ट किया है कि वह खुद जांच की निगरानी नहीं करेगा, लेकिन निष्पक्षता सुनिश्चित की जाएगी।

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