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ओपी राजभर ने की वाराणसी के डीएम-कमिश्नर को हटाने की मांग, बोले- जब तक नहीं हटेंगे, हम मतगणना नहीं होने देंगे

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश में सातवें और अंतिम चरण की वोटिंग 07 मार्च को समाप्त हो गई है और 10 मार्च को मतगणना होनी है। इस बीच वाराणसी जिले में ईवीएम को लेकर रार बढ़ती जा रहा है। तो वहीं, अब समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगी दलों ने ईवीएम की हैंडलिंग को लेकर गंभीर आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने कहा, ‘जब तक वाराणसी के डीएम और कमिश्नर को हटाया नहीं जाएगा, जब तक हम मतगणना नहीं होने देंगे।’

राजभर ने कहा, ‘ये (वाराणसी) घटना दर्शा रही है कि भाजपा हताश होकर फर्ज़ी तरीके से गड़बड़ी कर रही है। हमने इसकी शिकायत आयोग को दी है। 3 गाड़ियां ईवीएम लेकर निकली है और ये बिना किसी को सूचित किए किया गया है। चुनाव आयोग की गाइडलाइन के मुताबिक उम्मीदवार को बिना बताए और बिना फोर्स के ईवीएम को कहीं नहीं ले जाया जा सकता है। लेकिन उसे ढ़ककर ले जाया गया है।’

दरअसल, सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर, सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी और वरिष्ठ नेता केके श्रीवास्तव ने मंगलवार रात अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव तिवारी से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात के बाद ओमप्रकाश राजभर ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि फोर्स के साथ ही ईवीएम को मूव किया जा सकता है, लेकिन चोरी से ईवीएम बदलने की नियत से ऐसा किया गया है। जब तक डीएम और कमिश्नर वहां रहेंगे मतगणना निष्पक्ष नहीं हो सकती है।

राजभऱ ने कहा कि हमने अपनी बात चुनाव आयोग को बता दी है। जब तक दोनों अधिकारियों को हटाया नहीं जाता है हम लोग वहां मतगणना नहीं होनें देंगे। उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग ने आश्वासन दिया है कि हम वैकल्पिक व्यवस्था करेंगे। हम लोगों को अब ये देखना है कि क्या व्यवस्था होती है। हमारा काम है इन्हें बताना और इनका काम है उसे पूरा करने की व्यवस्था करना। इस दौरान उन्होंने कहा कि सत्ता की लोलुप्ता से ग्रसित सत्ताधारी पार्टी अपना जनाधार खिसकता देख छल-बल व घृणित प्रपंच के जरिए सत्ता हथियाने की पुरजोर कोशिश में लगी है।

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