गाजीपुर
एसडीएम ने सुलझाया सिहोरी हरिजन बस्ती में नाली निर्माण विवाद

नंदगंज (गाजीपुर)। स्थानीय थाना क्षेत्र के ग्रामसभा सिहोरी के पश्चिमी हरिजन बस्ती में नाली निर्माण को लेकर चल रहा विवाद सुलझ गया। ग्राम प्रधान और गांव निवासी सुरेश राम के बीच नाली के निर्माण को लेकर काफी समय से टकराव बना हुआ था, जिसे लेकर गांव का माहौल तनावपूर्ण होता जा रहा था। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देश पर उपजिलाधिकारी सैदपुर ने बीती शाम मौके पर पहुंचकर विवाद का समाधान कराया।
सूत्रों के अनुसार, ग्राम प्रधान द्वारा बस्ती में अंडरग्राउंड नाली निर्माण कराया जा रहा था, लेकिन सुरेश राम, जो अपने प्रभाव और ऊँची पहुंच के लिए जाने जाते हैं, इस कार्य का विरोध कर रहे थे। नाली निर्माण को लेकर सुरेश राम और ग्राम प्रधान के बीच अहम की टकराहट इस कदर बढ़ गई कि तहसील और ब्लॉक के अधिकारी तक कई बार मौके पर निरीक्षण को पहुंचे।
इसके बाद, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने सपा विधायक जयकिशन साहू के साथ जिलाधिकारी से मुलाकात की और पूरे प्रकरण से अवगत कराया। जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम सैदपुर को तत्काल निस्तारण के निर्देश दिए।

निर्देश के पालन में बीती शाम एसडीएम सैदपुर, नायब तहसीलदार, थानाध्यक्ष नंदगंज व लेखपाल के साथ मौके पर पहुंचे। एसडीएम ने ग्राम प्रधान को नाली को ढक्कन से ढकवाने और जिस ओर से सुरेश राम की भैंस निकलती है, उस ओर आरसीसी स्लोप निर्माण कराने का निर्देश दिया। प्रधान प्रतिनिधि ने भी सहमति व्यक्त करते हुए 23 मई के लेखपाल द्वारा जारी सहमति पत्र का हवाला दिया।
एसडीएम ने मौके पर ही सुरेश राम को भी निर्देशित किया कि पीडब्ल्यूडी की भूमि पर जो मिट्टी डाली गई है, उसे तीन दिनों के भीतर हटाया जाए। साथ ही लेखपाल को आदेशित किया कि यदि सुरेश राम निर्धारित समय में अतिक्रमण नहीं हटाते हैं, तो जेसीबी लगाकर जमीन खाली कराई जाए।
उल्लेखनीय है कि 23 मई को ही सुरेश राम की शिकायत पर एसडीएम ने मौके की जांच के बाद नाली निर्माण को हरी झंडी दी थी। लेकिन निर्माण के कुछ ही दिनों बाद लेखपाल द्वारा उसे तोड़े जाने की कोशिश की गई, जिस पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने लेखपाल समेत चार लोगों के खिलाफ नंदगंज थाने में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की नामजद तहरीर दी थी।
हालांकि, जिलाधिकारी के हस्तक्षेप और एसडीएम सैदपुर की तत्परता से मंगलवार को इस जटिल विवाद का समाधान हो गया। इससे गांव में राहत का माहौल है और विकास कार्यों के सुचारू संचालन की उम्मीद बढ़ी है।