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चन्दौली

एशिया कप: 14 सितम्बर का भारत–पाकिस्तान मुकाबला और आतंकवाद की सच्चाई

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चंदौली। डॉ. विनय प्रकाश तिवारी ने बताया कि एशिया कप 2025 में 14 सितम्बर को भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला क्रिकेट मुकाबला पूरे एशिया ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में रोमांच का विषय बना रहा। करोड़ों दर्शक इस दिन का इंतज़ार कर रहे हैं, टीवी चैनल और स्पॉन्सर्स इसे बड़े उत्सव की तरह पेश कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या भारत को पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना चाहिए, जबकि वही पाकिस्तान वर्षों से भारत में आतंकवाद फैलाने में संलिप्त है?

भारत के लिए पाकिस्तान केवल एक पड़ोसी देश नहीं है, बल्कि आतंकवाद का पर्याय बन चुका है। सीमा पर जवानों पर हमले, निर्दोष नागरिकों की हत्याएँ और आतंकवादी संगठनों को पनाह देने का आरोप पाकिस्तान पर बार-बार साबित हो चुका है। ऐसे में यह सोचना स्वाभाविक है कि क्या क्रिकेट और आतंकवाद को अलग किया जा सकता है? क्या मनोरंजन और पैसों के लिए हम उन लोगों के साथ खेलें जो हमारे अपने लोगों की जान लेते हैं?

इस मैच से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भी बड़ा आर्थिक फायदा होगा। स्पॉन्सरशिप, विज्ञापन और प्रसारण अधिकारों से करोड़ों की कमाई सीधे उनकी झोली में जाएगी। कई भारतीयों का मानना है कि यह पैसा उसी व्यवस्था को मज़बूत करता है जो भारत के ख़िलाफ़ आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देती है।

फिर भी, 14 सितम्बर का मैच हुआ जिसमें भारत ने जीत दर्ज किया और पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया। लेकिन करोड़ों भारतीयों के लिए यह मुकाबला केवल बल्ले और गेंद की जंग नहीं, बल्कि एक बड़ा सवाल है—क्या हमें उस देश के साथ खेलना चाहिए जो हमारे देश में खून बहाता है?

भारत की जनता का मानना है कि क्रिकेट इंतज़ार कर सकता है, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा और शहीदों का सम्मान सबसे ऊपर है। जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का रास्ता नहीं छोड़ता, तब तक भारत–पाकिस्तान मैच हमेशा विवाद और दर्द की छाया में ही खेला जाएगा।

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