वाराणसी
इस्तीफे के बाद चर्चा में आया उपराष्ट्रपति धनखड़ का काशी दौरा, नमो घाट पर कही थी ये बातें

वाराणसी। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की खबर पूरे देश में चर्चा का विषय बनी हुई है। मंगलवार को उनका इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूर कर लिया। इस्तीफे के बाद वह सदन की कार्यवाही में भी शामिल नहीं हुए। इसी बीच याद किया जा रहा है उनका बीते वर्ष काशी दौरा, जब वे दुनिया के सबसे बड़े और सुंदर नमो घाट का उद्घाटन करने वाराणसी आए थे। 15 नवंबर 2024 को हुए इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति ने गंगा आरती का आनंद लिया और काशी की सनातन संस्कृति की भूरी-भूरी प्रशंसा की।
कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत सनातन की भूमि है और काशी इसका केंद्र। सनातन धर्म की सबसे बड़ी विशेषता यही है कि यह आक्रमणकारियों तक को समाहित कर लेता है। उपराष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि योगी जी अपनी लगन और निष्ठा से उत्तर प्रदेश को सर्वोच्च प्रदेश बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। साथ ही राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के मार्गदर्शन की भी प्रशंसा की।
उद्घाटन को उपराष्ट्रपति ने अपने लिए सौभाग्य का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े घाट का उद्घाटन करना उनके लिए बड़ा सम्मान है। कार्यक्रम के दिन का विशेष संयोग भी उन्होंने साझा किया कि उस दिन प्रथम गुरु नानक देव जी का 555वां प्रकाश पर्व था, साथ ही भगवान बिरसा मुंडा की जयंती भी, जिससे यह दिन और पावन बन गया था।
गंगा आरती के दौरान उनका भाव विभोर चेहरा यह बता रहा था कि काशी की दिव्यता हर व्यक्ति को कितना प्रभावित करती है। उपराष्ट्रपति के इस्तीफे की खबरों के बीच उनका यह काशी दौरा एक बार फिर चर्चा में आ गया है।