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इसरो प्रमुख ने बताई ऑपरेशन सिंदूर में सैटेलाइट की अहम भूमिका

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जी20 देशों के लिए स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च की तैयारी, विदेशी केंद्रों की जरूरत नहीं

वाराणसी। आईआईटी बीएचयू (IIT BHU) के दीक्षांत समारोह में इसरो के प्रमुख डॉ. वी. नारायणन ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में सैटेलाइट्स की अहम भूमिका रही। उन्होंने कहा कि भारत के विकसित होने वाले स्पेस सेक्टर का योगदान 2047 तक और भी महत्वपूर्ण होगा।

इसरो (ISRO) प्रमुख ने सभी अकादमिक संस्थानों, रिसर्च सेंटरों और स्टार्टअप्स से आह्वान किया कि वे मिलकर स्पेस सेक्टर में सक्रिय योगदान दें। डॉ. नारायणन ने बताया कि भारत का स्पेस प्रोग्राम 50 साल पहले साइकिल से शुरू हुआ था और अब चंद्रमा की लैंडिंग तक पहुंच चुका है।

उन्होंने यह भी कहा कि जी20 देशों के लिए सैटेलाइट लॉन्च की तैयारी चल रही है, जिससे किसी अन्य देश या विदेशी स्पेस सेंटर पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ेगी। चंद्रयान 3 पूरी तरह स्वदेशी था और भारत पहला ऐसा देश बना जिसने चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की। देश में अब तक 133 से अधिक सैटेलाइट तैयार किए जा चुके हैं और 34 स्थानों पर लॉन्चिंग सेंटर बनाए जा रहे हैं।

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