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आयकर विभाग का रेड हिल्स ग्रुप पर छापा

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कुशीनगर में अलमगीर अंसारी के ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई

कुशीनगर में रियल एस्टेट कारोबारी और रेड हिल्स ग्रुप के मालिक अलमगीर अंसारी के खिलाफ आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। मंगलवार सुबह आयकर विभाग की कई टीमों ने एक साथ छापेमारी करते हुए उनके आवास और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को खंगाला। जानकारी के अनुसार, दो टीमें अलमगीर अंसारी के घर-दफ्तर पर पहुंचीं, जबकि पांच अन्य टीमें उनके आवासीय परिसरों में जांच में जुटीं। इस कार्रवाई से इलाके में हड़कंप मच गया।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आयकर विभाग की कुल चार गाड़ियां रेड हिल्स ग्रुप के कुशीनगर स्थित कार्यालय पर पहुंचीं। वहीं, अन्य चार गाड़ियों से दूसरी टीम ने कसया थाना क्षेत्र के पंडित दीनदयाल नगर और मलूकडीह स्थित अलमगीर अंसारी के आवासों पर छानबीन की। छापेमारी के दौरान दस्तावेजों, लेन-देन के रिकॉर्ड और डिजिटल डेटा की गहन जांच की जा रही है।

अलमगीर अंसारी का दावा है कि उनकी कंपनी में 400 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें से करीब 200 कर्मचारी रोजाना प्लॉट की बुकिंग के माध्यम से कंपनी के लिए लगभग 40 लाख रुपये का एडवांस लाते हैं। इस हिसाब से हर महीने करीब 12 करोड़ रुपये और सालाना लगभग 144 करोड़ रुपये केवल एडवांस के रूप में जमा होते हैं। अंसारी इसे अपनी आय का मुख्य स्रोत बताते हैं। हालांकि, आयकर विभाग को इन आंकड़ों और वास्तविक आय में अंतर की आशंका है।

सूत्रों के अनुसार, आशंका जताई जा रही है कि रियल एस्टेट कारोबार में कृषि भूमि को बिना आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी किए आवासीय भूमि बताकर बेचा गया है। यदि यह आरोप सही साबित होते हैं, तो इससे सरकार को सीधे राजस्व का नुकसान होता है और यह टैक्स चोरी के दायरे में आता है। आयकर विभाग इसी इनपुट और संभावित गड़बड़ियों की जांच के लिए छापेमारी कर रहा है।

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रेड हिल्स ग्रुप के मालिक अलमगीर अंसारी का नाम इससे पहले भी विवादों में रह चुका है। उनका नाम कथित तौर पर जाली करेंसी से जुड़े एक मामले में सामने आ चुका है। इसके अलावा, एक लड़की का धर्म परिवर्तन कर निकाह कराने के मामले में भी उनका नाम चर्चा में रहा था।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, रेड हिल्स कंपनी की शुरुआत वर्ष 2019 में हुई थी। बताया जाता है कि अलमगीर अंसारी ने अपने गांव की जमीन बेचकर लगभग पांच लाख रुपये जुटाए थे, जिससे उन्होंने कंपनी की नींव रखी। शुरुआत में उनका कारोबार सामान्य जमीन की खरीद-फरोख्त तक सीमित था, लेकिन कुछ ही वर्षों में उन्होंने करोड़ों रुपये की संपत्ति खड़ी कर ली। आयकर विभाग अब इसी तेजी से बढ़े कारोबार और आय के स्रोतों की सच्चाई खंगालने में जुटा है।

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