वाराणसी
अस्सी और वरुणा नदी के पुनरुद्धार के लिए कमिश्नर ने की बैठक, दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता में वरुणा और अस्सी नदी के पुनरुद्धार / पुनर्स्थापना के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा पारित आदेशों के अनुपालन के लिए बैठक आयोजित किया गया जिसमें सिंचाई एवं जल संसाधन विकास द्वारा बताया गया की बसूही नदी के पास मैलहन फूलपुर प्रयागराज के पास वरुणा नदी के पुनरुद्धार, आद्रभूमि संरक्षण, गाद निकालने, तटबंध विकसित करने तथा दोनों किनारों पर जैविक समुदाय विकसित करने आदि के संबंध में SMCG को डीपीआर भेजी जा चुकी है जिसके संबंध में मंडलायुक्त ने पुनः रिमाइंडर भेजने को निर्देशित किया।
कमिश्नर ने अस्सी व वरुणा नदी के दोनों किनारों पर वन विभाग, पंचायती राज, मनरेगा की मदद दे बृहद वृक्षारोपण करने को निर्देशित किया तथा उन पौधों को रोपने के लिए निर्देशित किया जो की पानी में जीवित रह सकें।
तो वहीं मलजल उपचार के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सीडीओ तथा नगर क्षेत्र में नगर आयुक्त के निर्देशन में डीएफओ वाराणसी के सहयोग से वनस्पतियों के विकास हेतु लगातार वृक्षारोपण अभियान चलाने को निर्देशित किया गया।
कमिश्नर द्वारा नगर निगम व प्रदूषण विभाग को वरुणा किनारे स्थित होटेलों, प्रतिष्ठानों व निजी भवनों के खिलाफ अभियान चलाते हुए उनको अपने पीछे बिल्डिंग व नदी के बीच सघन पौधारोपण कराने हेतु निर्देशित किया गया।
नगर निगम को निर्देशित किया गया की वरुणा नदी के किनारे स्थित होटलों, भवनों द्वारा कूड़ा-कचड़ा, गंदगी नदी में फेंकी जा रही उनको फोटो, वीडियोग्राफी कराकर चिन्हित करते हुए जुर्माना लगाने को निर्देशित किया गया।
कमिश्नर ने बसुही और मोरवा नदी के तटबंधों और रिपेरियन ज़ोन की बहाली के साथ वनस्पति विकास हेतु जिलाधिकारी प्रयागराज के पर्यवेक्षण में डीएफओ प्रयागराज को वृक्षारोपण को निर्देशित करते हुए उक्त के संबंध में एसडीएम, डीपीआरओ तथा बीडीओ की जिम्मेदारी तय करने को कहा।
मोरवा नदी में गिरने वाले अपशिष्ट जल प्रबंधन तथा वरुणा नदी में मिलने वाले औद्योगिक अपशिष्ट के प्रबंधन हेतु सिंचाई विभाग बंधी डिविजन द्वारा धोरैरा ड्रेन, दुर्गा ड्रेन, बस्ती/नया बाजार ड्रेन के संबंध में 137 करोड़ की डीपीआर शासन को भेजी गयी है जिसके संबंध में कमिश्नर द्वारा इसको प्राथमिकता पर रखते हुए शासन से जल्दी स्वीकृति कराने के लिए प्रयास करने को निर्देशित किया गया।
वरुणा नदी के संबंध में गाद निकालना और गाद से निकलने वाली सामग्री का उपयोग करके तटबंधों को मजबूत करना तथा किनारों पर वनस्पतियों के विकास करने हेतु भी निर्देशित किया गया जिसपर DFO वाराणसी द्वारा बताया गया की जून-जुलाई में 18500 सैपलिंग रोपित की गयी है।
बैठक में जलनिगम द्वारा विभिन्न एसटीपी प्लांट की वर्तमान क्षमता बढ़ाने जिसमें दीनापुर की वर्तमान क्षमता 80 एमएलडी को बढ़ाकर 220 एमएलडी, 140 एमएलडी दीनापुर को नॉर्म्स के हिसाब से सही करने तथा बताया गया कि भगवानपुर में 50 एमएलडी क्षमता प्लांट को दिसंबर 2025 तक तैयार करा लिया जायेगा।