वाराणसी
अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में बनेंगी फीवर हेल्प डेस्क
वाराणसी। मौसम में तेजी से हो रहे बदलाव और वायरल बुखार के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए वाराणसी के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में फीवर हेल्प डेस्क स्थापित की जाएंगी। यहां बुखार से ग्रसित मरीजों की विशेष निगरानी की जाएगी और मौसमी बीमारियों से बचाव के प्रति जागरूक किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग ने यह कदम सेवापुरी ब्लॉक के भाऊपुर गांव में दो दिनों के भीतर 20 से अधिक लोगों के बुखार से ग्रसित होने की घटना के बाद उठाया है। जिला अस्पताल, मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा, शास्त्री अस्पताल रामनगर सहित अन्य केंद्रों पर हर दिन 600 से अधिक मरीज बुखार, सर्दी, खांसी, जुकाम और सांस फूलने जैसी समस्याओं के साथ पहुंच रहे हैं।
सीएमओ ने की पुष्टि
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संदीप चौधरी ने कहा कि सरकारी अस्पतालों, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की ओपीडी में जल्द ही फीवर हेल्प डेस्क स्थापित की जाएंगी। यहां मरीजों को बीमारियों के कारण और बचाव के उपायों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही, तीन दिन से अधिक समय से बुखार से परेशान मरीजों का पंजीकरण किया जाएगा, ताकि यह पता लगाया जा सके कि सबसे अधिक मरीज किस क्षेत्र से आ रहे हैं। संबंधित क्षेत्रों में स्वास्थ्य टीम भेजकर जांच की जाएगी।
बच्चों पर विशेष ध्यान
मंडलीय अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सीपी गुप्ता ने बताया कि मौसमी बीमारियों के चलते पांच साल से कम उम्र के बच्चों की सेहत का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। इस समय बच्चों में निमोनिया और पेट संबंधी बीमारियों के मामले बढ़ रहे हैं। हर दिन 50 से अधिक बच्चे मौसमी बीमारियों से ग्रसित होकर ओपीडी में आ रहे हैं। जिन बच्चों को भर्ती किया गया है, उनकी नियमित जांच की जा रही है। अभिभावकों को बच्चों की सेहत का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी गई है।
सतर्कता और बचाव जरूरी
फीवर हेल्प डेस्क के जरिए मरीजों को मौसमी बीमारियों से बचाव के उपाय बताए जाएंगे। साथ ही, समय पर जांच और उपचार सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि वायरल बुखार के प्रसार को रोका जा सके।