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वाराणसी

अवैध पक्षी तस्करी का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार

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वाराणसी। वन विभाग वाराणसी ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित प्रजाति के 28 जीवित तोतों की तस्करी का खुलासा किया है। बस की डिग्गी से बरामद किए गए इन पक्षियों को अवैध रूप से झारखंड से लाया गया था। इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर बस को भी कब्जे में ले लिया गया है।

यह कार्रवाई वन संरक्षक एवं क्षेत्रीय निदेशक डॉ. रवि कुमार सिंह के निर्देशन में की गई। शुक्रवार को अंधरापुल क्षेत्र में प्रतिबंधित प्रजाति के पक्षियों की तस्करी की सूचना पर तत्काल छापेमारी की गई। टीम में क्षेत्रीय वन अधिकारी रविंद्र यादव, उप क्षेत्रीय अधिकारी राजकुमार गौतम, वन रक्षक राहुल बलवंत सहित अन्य कर्मचारी शामिल थे।

छापेमारी के दौरान बस संख्या UP65JT9765 की तलाशी लेने पर डिग्गी से एक कार्टन में 28 जीवित तोते बरामद हुए। मौके से बस चालक धनंजय सिंह (निवासी पलामू, झारखंड), कंडक्टर अभय सिंह उर्फ कन्हैया (निवासी चंदौली) और पक्षी व्यापारी मो. आरिफ (निवासी विशेश्वरगंज, वाराणसी) को गिरफ्तार किया गया।

प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि यह पक्षी झारखंड के गढ़वा से वाराणसी लाए जा रहे थे। बरामद पक्षी वन्य जीव संरक्षण अधिनियम-1972 के अंतर्गत संरक्षित व प्रतिबंधित श्रेणी में आते हैं।

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वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ अधिनियम की धाराएं 9, 39, 48(ख)(I)(II), 49(ख)(IV), 51 व 57 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया है। अभियुक्तों को जेल भेजने की प्रक्रिया जारी है।

जनसंपर्क अपील:
वन विभाग ने आमजन से अपील की है कि वे प्रतिबंधित पक्षियों की खरीद-फरोख्त से बचें तथा कहीं भी ऐसी गतिविधि दिखे तो तत्काल सूचना दें:

📞 कार्यालय वन संरक्षक व क्षेत्रीय निदेशक, वाराणसी वृत्त – 0542-2585444
📞 कार्यालय प्रभागीय वनाधिकारी, वाराणसी – 0542-2585574

वन संरक्षक डॉ. रवि कुमार सिंह ने कहा कि “प्राकृतिक जैव विविधता की रक्षा में जनसहयोग आवश्यक है। प्रतिबंधित प्रजातियों का संरक्षण हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है।”

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