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अयोध्या राम मंदिर का स्वर्ण जड़ित शिखर तैयार

पांच जून को विधिवत होगी प्राण प्रतिष्ठा
दूसरे प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव की कलश यात्रा 2 जून से, श्रद्धालुओं की उमड़ी आस्था
अयोध्या। राम नगरी अयोध्या में स्थित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य अब अपने भव्यतम स्वरूप में सामने आ चुका है। मंदिर का स्वर्ण जड़ित शिखर पूरी तरह से तैयार हो गया है, जिसकी ऊंचाई 161 फीट है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने दावा किया कि यह उत्तर भारत का सबसे भव्य और अलौकिक स्वर्णिम मंदिर है।
श्रीरामलला अब भव्य मंदिर के भूतल पर विराजमान हैं, जबकि प्रथम तल पर राम दरबार की स्थापना की गई है। इस दरबार में माता सीता और श्रीराम सिंहासन पर विराजमान हैं, उनके चरणों में भक्त हनुमान और लक्ष्मण हाथ जोड़े खड़े हैं। वहीं भरत और शत्रुघ्न सिंहासन के दोनों ओर सजे हैं।
दूसरे प्राण प्रतिष्ठा उत्सव का शुभारंभ 2 जून से होगा, जब 108 कलशों में पवित्र सरयू जल लेकर महिलाएं कलश यात्रा में भाग लेंगी। यह यात्रा सरयू तट से लता चौक, नया घाट, देवकाली, श्रृंगारघाट होते हुए राम मंदिर परिसर में पहुंचेगी। इस यात्रा के माध्यम से मंदिर में वैदिक रीति से अनुष्ठान की शुरुआत होगी।
तीन दिवसीय वैदिक अनुष्ठान:
3 जून से 101 वैदिक आचार्यों द्वारा प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान प्रारंभ किया जाएगा। पंडित जयप्रकाश (पंडित दीनदयाल नगर) और आचार्य अमरनाथ (बस्ती) इस धार्मिक आयोजन का नेतृत्व करेंगे। मंदिर परिसर में 14 से अधिक देव प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा होगी। दो विशाल हवन कुंडों में वैदिक मंत्रों के साथ आहुति दी जाएगी और सुरक्षा के दृष्टिकोण से पूरे परिसर में CCTV कैमरे व लाइव स्क्रीन की व्यवस्था की गई है।
मुख्य पूजन 5 जून को:
5 जून को वैदिक विधि-विधान के तहत मुख्य प्राण प्रतिष्ठा पूजन किया जाएगा। इस दिन सभी सुगम और VIP दर्शन पास निरस्त कर दिए गए हैं। हालांकि, अन्य दिनों में श्रद्धालु मंदिर में दर्शन-पूजन कर सकेंगे।
व्यवस्थाओं की अंतिम तैयारी पूरी:
ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल मिश्रा ने बताया कि मंदिर निर्माण से जुड़ा समस्त कार्य पूर्ण हो चुका है और अनुष्ठान के लिए आवश्यक तैयारियां भी अंतिम चरण में हैं। सभी वैदिक आचार्य अयोध्या पहुंच चुके हैं।