मिर्ज़ापुर
अमित शाह के बयान पर कांग्रेस में उबाल, विपक्ष ने की इस्तीफे की मांग

मिर्जापुर। लोकसभा के शीतकालीन सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान ने एक नए राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को लेकर दिए गए उनके बयान पर कांग्रेस और विपक्षी दलों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है।
अमित शाह का बयान बना विवाद का कारण
संसद में बहस के दौरान अमित शाह ने कहा, “अभी एक फैशन हो गया है अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।” इस बयान को लेकर विपक्ष ने बीजेपी पर संविधान और डॉ. अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाया है।
कांग्रेस ने बीजेपी पर डॉ. अंबेडकर और उनके आदर्शों के खिलाफ होने का आरोप लगाया। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि बीजेपी और उसकी मातृ संस्था आरएसएस ने हमेशा संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान किया है। उन्होंने अमित शाह के बयान को “मनुवादी मानसिकता” का प्रतीक बताया।
कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने कहा कि उन्होंने अपने मंत्री को नसीहत देने के बजाय आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति तेज कर दी है। इस बयान को लेकर संसद की कार्रवाई ठप्प रही। कांग्रेस सांसदों ने संसद भवन परिसर में प्रदर्शन किया, जिसमें धक्कामुक्की की घटनाएं भी सामने आईं। पार्टी अध्यक्ष खड़गे को गिराए जाने और राहुल गांधी पर एफआईआर दर्ज किए जाने को कांग्रेस ने “षड्यंत्र” करार दिया।
बीजेपी पर पुराने आरोपों की पुनरावृत्ति
कांग्रेस ने बीजेपी पर संविधान विरोधी मानसिकता का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी संविधान निर्माण के समय से ही डॉ. अंबेडकर का विरोध करती रही है। उन्होंने डॉ. अंबेडकर को चुनाव हरवाने और आरक्षण खत्म करने की साजिश करने के भी आरोप लगाए।
अमित शाह का बचाव, पीएम की चुप्पी पर सवाल
बीजेपी ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए इसे “राजनीतिक ड्रामा” करार दिया। वहीं, पीएम मोदी की चुप्पी पर कांग्रेस ने कहा कि यह सरकार बाबा साहेब के अपमान को अपराध मानने को तैयार नहीं है।
कांग्रेस ने ऐलान किया है कि जब तक अमित शाह इस्तीफा नहीं देंगे, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। पार्टी ने जनता से भी बीजेपी के “संविधान विरोधी” रवैये के खिलाफ आवाज उठाने की अपील की है।
क्या 2024 में बनेगा मुद्दा?
अमित शाह के बयान ने चुनावी साल में एक नई बहस को जन्म दिया है। अब देखना यह होगा कि विपक्ष इस मुद्दे को कैसे भुनाता है और जनता पर इसका क्या असर पड़ता है।