जौनपुर
अधिवक्ता की संदिग्ध मौत मामले में एसएसआई निलंबित
वकीलों के आक्रोश के बीच अंतिम संस्कार संपन्न
शाहगंज (जौनपुर)। खुटहन क्षेत्र में अधिवक्ता मनोज सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत से जिले में हड़कंप मच गया है। 45 वर्षीय मनोज सिंह का अपने पड़ोसियों से बाग की जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। घटना के बाद अधिवक्ता संघ ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
23 दिसंबर को विवादित जमीन का सीमांकन पुलिस बल और राजस्व टीम की मौजूदगी में हुआ था। मनोज सिंह ने उनकी अनुपस्थिति में किए गए इस समझौते का विरोध किया था। आरोप है कि अगले दिन उनके पड़ोसियों ने गांववालों के सामने उनकी पिटाई की और थाने पर तहरीर देने जाते समय उन्हें जहरीला पदार्थ पिला दिया।
बीएचयू वाराणसी में इलाज के दौरान मनोज सिंह की मौत हो गई। मरने से पहले उन्होंने एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उन्होंने अपने पड़ोसियों और खुटहन थाने के (एसएसआई) सकलदीप सिंह पर गंभीर आरोप लगाए। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अधिवक्ता की मौत के बाद जिले में वकीलों का आक्रोश भड़क उठा। दीवानी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सुभाष चंद्र यादव और महामंत्री रण बहादुर यादव के नेतृत्व में सैकड़ों वकीलों ने निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की। दबाव के बाद खुटहन थाने के एसएसआई सकलदीप सिंह को निलंबित कर दिया गया और पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
मनोज सिंह के अंतिम संस्कार के समय भी बड़ी संख्या में वकील जुटे। महामंत्री रण बहादुर यादव और संयुक्त मंत्री उस्मान अली ने चेतावनी दी कि यदि जल्द सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो वकील आंदोलन करेंगे। मनोज सिंह के वायरल वीडियो और उनके गंभीर आरोपों ने प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सीओ अजीत सिंह चौहान ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है, लेकिन वकीलों का कहना है कि जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, वे शांत नहीं बैठेंगे।