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वाराणसी

अधिकारियों की उदासीनता से राशन एटीएम योजना विफल

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वाराणसी/गोरखपुर। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और गोरखपुर में तीन साल पहले स्थापित ‘राशन एटीएम’ योजना ठप पड़ती नजर आ रही है। स्थानीय अधिकारियों की उदासीनता और व्यवस्थागत कमियों के कारण यह पायलट प्रोजेक्ट अब तक आम लोगों के लिए उपयोगी साबित नहीं हो पाया है।

वाराणसी में तीन साल पहले सदर तहसील के शिवपुर में कोटेदार बृजमोहन प्रसाद मौर्य के यहां मशीन लगाई गई थी। दावा था कि इससे उपभोक्ताओं को पीडीएस दुकानों तक जाने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि, मशीन अभी भी बंद पड़ी है और आसपास अनाज के सड़े ढेर इस विफलता को बयां कर रहे हैं।

जिला आपूर्ति अधिकारी कृष्ण वल्लभ सिंह ने बताया कि मशीन को जल्द चालू किया जाएगा, जबकि जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार का कहना है कि उन्हें इस बंद होने की जानकारी नहीं थी।

गोरखपुर में भी स्थिति समान है। 2023 में अन्नपूर्ति मशीन कोटेदार अंकुर गुप्ता के यहां लगाई गई थी। बिजली बिल में परेशानी और संचालन की व्यवस्थाओं की कमी के कारण मशीन अब अनुपयोगी पड़ी है।

स्थानीय लोगों ने कहा कि राशन एटीएम से काफी सुविधा मिलती थी। कार्ड नंबर डालते और अंगूठा लगाते ही राशन मिल जाता था। प्रदीप कुमार मौर्य और मीनाक्षी जैसे स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सरकार योजनाएं तो बनाती है, लेकिन इन्हें लागू करने में जिम्मेदार अधिकारी ही नाकाम साबित हो रहे हैं।

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वर्तमान में मशीन संचालन के लिए स्पष्ट गाइडलाइन और वैकल्पिक व्यवस्थाएं बनाने की जरूरत है, ताकि उपभोक्ताओं को इस सुविधा का वास्तविक लाभ मिल सके।

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