चन्दौली
Daddy’s International School : एसपी ने दिव्यांगजनों में वितरित की ट्राइसाइकिलें
विशुनपुरा कांटा (चंदौली)। बाल दिवस के अवसर पर Daddy’s International School में एक प्रेरणादायक और भावनात्मक कार्यक्रम आयोजित हुआ, जहाँ सामाजिक जिम्मेदारी और मानव संवेदनाओं का अनोखा संगम देखने को मिला। विद्यालय परिसर में आयोजित समारोह में 14 विशेष सक्षम (दिव्यांग) व्यक्तियों को ट्राइसाइकिल प्रदान की गई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिले के पुलिस अधीक्षक, आदित्य लांग्हे (IPS) उपस्थित हुए।
पुलिस अधीक्षक के आगमन पर विद्यालय के बच्चों ने गुलाब के फूलों से गर्मजोशी से उनका स्वागत किया, जिससे पूरा वातावरण बाल दिवस की उल्लासमयी भावना और मानवीय संवेदनाओं से भर गया।
दूरदराज़ क्षेत्रों से पहुँचे लाभार्थी—चेहरों पर संतोष, आँखों में आत्मविश्वास
ट्राइसाइकिल पाने वाले दिव्यांगजन मवई, मुगलसराय, पेंटुआ, मठपुरवाँ, हथियानी, बेलावर, मसोई, परासी खुर्द सहित कई गाँवों से कार्यक्रम स्थल पर पहुँचे। पुलिस अधीक्षक ने सभी लाभार्थियों का हाल-चाल पूछा, उनकी आवश्यकताओं को समझा और उन्हें हौसला दिया। ट्राइसाइकिल पाकर उनके चेहरों पर उभरती मुस्कान ने कार्यक्रम को भावनात्मक बना दिया।
लाभार्थियों ने क्या कहा? – भावनाओं से भरे प्रेरक शब्द
सत्य प्रकाश निचोट (मवई क्षेत्र) ने कहा कि, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे इतनी अच्छी ट्राइसाइकिल मिलेगी। अब मैं अपने छोटे-छोटे काम खुद कर सकूंगा। यह मेरे लिए नई शुरुआत है।”
वहीं, देव नारायण (मठपुरवाँ) ने कहा कि, “एसपी साहब ने खुद आकर हमसे हाल पूछा। अब बिना सहारे चलना-फिरना आसान होगा। यह सिर्फ एक वाहन नहीं, मेरा आत्मविश्वास है।”

इसके अलावा, ट्राइसाइकिल मिलते ही मनोज ने उत्साहित होकर कहा “मैं अब स्कूल जाऊँगा। पहले दूरी और चल न पाने की वजह से स्कूल नहीं जा पाता था। लेकिन अब मैं पढ़ाई जारी रखूँगा और आगे बढ़ूँगा।”
फूलमणि (हथियानी) ने कहा, “पहले बिना सहारे घर से बाहर निकलना मुश्किल था। अब मैं अपने काम खुद कर पाऊँगी। यह मेरे लिए बड़ी खुशी का दिन है।”
एसपी आदित्य लांग्हे का प्रेरक संदेश—“हर व्यक्ति को बराबर जीने का हक”
मुख्य अतिथि एसपी आदित्य लांग्हे ने समाज को प्रेरणा देते हुए कहा, “समाज में हर व्यक्ति को समान अधिकार है। दिव्यांगजन भी उसी सम्मान और अवसर के हकदार हैं, जो हम सबको मिलता है। यह ट्राइसाइकिल उनके लिए आगे बढ़ने का साधन बनेगी, एक नया जीवन-मार्ग देगी।”
उन्होंने बच्चों को साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक करते हुए कहा, “आज के समय में साइबर फ्रॉड से बचना सीखना बहुत जरूरी है। बच्चे जितने जागरूक होंगे, उतने सुरक्षित रहेंगे।” उनके इस मार्गदर्शी संदेश को बच्चों और अभिभावकों ने ध्यान से सुना।
समारोह में उपस्थित ट्रस्ट संरक्षक और विद्यालय नेतृत्व
कार्यक्रम में बंशीधर तिवारी, ट्रस्ट के संरक्षक, विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने सभी दिव्यांगजनों को आशीर्वाद और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि समाज में ऐसे कार्य लगातार होते रहने चाहिए।
पूरे कार्यक्रम का संयोजन और संचालन डॉ. अजय श्रीवास्तव प्रिंसिपल, Daddy’s International School द्वारा किया गया। उन्होंने पूरे आयोजन को सुव्यवस्थित और सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
विद्यालय का सामाजिक संदेश—“शिक्षा का अर्थ संवेदना भी है”
Daddy’s International School के संस्थापक डॉ. विनय प्रकाश तिवारी ने कहा, “हमारा उद्देश्य सिर्फ बच्चों को पढ़ाना नहीं है, बल्कि समाज को भी शिक्षित करना है। हमें किसी को उसकी कमी से नहीं आँकना चाहिए। सच्ची शिक्षा वही है, जो हमें सबको बराबरी की नज़रों से देखना सिखाए।”
पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने की सराहना
कार्यक्रम में कई सम्मानित पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक मौजूद रहे। सभी ने Daddy’s International School की इस पहल को समाज के लिए प्रेरक कदम बताया।
पूरे जिले के लिए प्रेरणा—मानवता और उत्साह का सुंदर संगम
बाल दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम सिर्फ एक वितरण समारोह नहीं था, बल्कि मानवता, संवेदना और सामाजिक सहयोग का अद्भुत उदाहरण बनकर सामने आया। दिव्यांगजन ट्राइसाइकिल लेकर जब मुस्कुराते हुए लौटे, तो लगता था जैसे उनके जीवन में नई उम्मीद, नई रोशनी और नए सपने जाग उठे हों।
