राष्ट्रीय
सीमा पर जवानों के साथ तैनात होंगे रोबोटिक डॉग
जानिए क्या है इनकी खासियत
भविष्य की युद्ध रणनीतियों में मददगार
जैसलमेर। भारतीय सेना ने देश की सीमाओं पर सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए रोबोटिक मल्टी-यूटिलिटी लेग्ड इक्विपमेंट (रोबोटिक डॉग) को तैनात करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। जैसलमेर की पोखरण फायरिंग रेंज में 14 से 21 नवंबर तक भारतीय सेना की बैटल एक्स डिवीजन ने इन रोबोटिक डॉग्स के साथ गहन अभ्यास किया।
इस अभ्यास के दौरान रोबोटिक डॉग्स ने दुश्मन को खोजने, निगरानी रखने, और दुश्मन को खत्म करने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। भारतीय सेना ने हाल ही में ऊंचाई वाले क्षेत्रों और कठिन इलाकों में उपयोग के लिए 100 रोबोटिक डॉग्स को शामिल किया है।
गुरुवार को समाप्त हुआ सैन्य अभ्यास
सैन्य सूत्रों के अनुसार, यह अभ्यास गुरुवार को समाप्त हुआ। बैटल एक्स डिवीजन की एक इकाई के 50 से अधिक सैनिकों और 10 रोबोटिक डॉग्स ने इस परीक्षण में हिस्सा लिया। रोबोटिक डॉग्स ने दुश्मन के ठिकानों की पहचान करने, हथियार और जरूरी सामान ले जाने, और विषम परिस्थितियों में सैनिकों की मदद करने में अपनी दक्षता साबित की।
रोबोटिक डॉग्स की विशेषताएं –
(1) एक घंटे की चार्जिंग के बाद ये डॉग्स लगातार 10 घंटे तक काम कर सकते हैं।
(2) ये डॉग्स छिपे हुए दुश्मनों को भी आसानी से पहचान सकते हैं। यह पूरी तरह कैमरा और रडार से लैस रहेंगे।
(3) इन्हें 10 किलोमीटर दूर से भी ऑपरेट किया जा सकता है।
(4) बर्फ, रेगिस्तान, ऊबड़-खाबड़ जमीन, और पहाड़ी जैसे इलाकों में सक्षमता से जा सकेंगे
(5) इन डॉग्स में 360 डिग्री घूमने वाले हाई-रिजॉल्यूशन कैमरे और सेंसर लगे हैं।
लॉजिस्टिक्स में सुधार के लिए ड्रोन का परीक्षण भी जारी
रोबोटिक डॉग्स के साथ ही सेना लॉजिस्टिक्स ड्रोन का भी परीक्षण कर रही है। ये ड्रोन ऊंचाई वाले इलाकों में सैनिकों तक आपूर्ति पहुंचाने और अन्य अभियानों में मददगार साबित होंगे। रोबोटिक डॉग्स और अन्य स्वचालित उपकरणों के जरिए भारतीय सेना न केवल सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत कर रही है, बल्कि अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कर दुश्मन की हरकतों पर रियल-टाइम नजर रखने में भी सक्षम हो रही है।