अपराध
गिरफ्तारी के बाद भी जारी फर्जीवाड़े का खेल
वाराणसी। फ्राड कंपनी शाइन सिटी इंफ्रा के आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद भी फर्जीवाडे का खेल जारी है। जैसे-जैसे जांच का धारा बढ़ रहा है वैसे-वैसे साक्ष्य मिलते जा रहे हैं जिसमें पता चला है कि धोखाधड़ी समेत अन्य आरोपों में जिला जेल चौकाघाट में निरुद्ध शाइन सिटी के निदेशक अमिताभ श्रीवास्तव की पावर ऑफ अटार्नी में सेंधमारी की गयी है। आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) लखनऊ की जांच में ऐसा बयान आरोपी ने खुद देकर चौंका दिया है।
ईओडब्ल्यू के एक अधिकारी ने बताया कि अमिताभ ने जांच में कहा है कि उसकी फर्जी आईडी और फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल करके लखनऊ के मोहनलालगंज थाना क्षेत्र में दो बीघा जमीन बेची गई है। इसमें उसकी कोई भूमिका नहीं है। चार साल से जेल में बंद रहते हुए कि किसी भी ऐसे पेपर पर उसने हस्ताक्षर नहीं किया है।

ईओडब्ल्यू ने उसके बयान के आधार पर अपनी जांच की गति बढा दी है। जिला जेल प्रशासन को भी जांच एजेंसी ने आडे हाथ लिया है तथा ताकीद की गई है कि आरोपी के मुलाकातियों पर विशेष नजर रखी जाए। बता दें कि, विगत वर्ष आरोपी अमिताभ को लक्सा थाने की पुलिस ने करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के दिल्ली से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसकी पत्नी मीरा श्रीवास्तव भी गिरफ्तार की गई थी। वाराणसी समेत पूर्वांचल के विभिन्न जिलों में शाइन सिटी ने जमीन बिक्री के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी की है।
ईओडब्ल्यू के लखनऊ मुख्यालय स्तर के अधिकारियों का दल इस बाबत निदेशक अमिताभ के साथ ही जेल में बंद उसकी पत्नी मीरा श्रीवास्तव से भी पूछताछ करेगा। साथ ही मुलाकातियों की सूची भी जेल प्रशासन से मांगी जा सकती है। जांच एजेंसी के अधिकारियों को यह भी आशंका है कि आरोपी अमिताभ खुद को बचाने के लिए झूठ भी बोल सकता है। इस मामले में यह भी यक्ष प्रश्न है कि न्यायिक अभिरक्षा में रहते हुए अहम दस्तावेज पर कैसे कोई हस्ताक्षर करवा सकता है ? वाराणसी से लखनऊ पेशी पर जाने के दौरान अमिताभ किन लोगों से मिला और मिलने का उद्देश्य क्या था ? इसे भी जांच में शामिल किया गया है।
फिलहाल ईओडब्ल्यू ने अपनी ओर से जांच तेज कर दी है। अरबों की धोखाधड़ी मामले में आरोपी शाइन सिटी के सैकडों मुकदमों की जांच ईओडब्ल्यू कर रही है। इसमें 75 मुकदमों में चार्जशीट भी कोर्ट में दाखिल कर दी गई है।
