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वाराणसी

कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने भारत गणराज्य केमहामहिम उपराष्ट्रपति श्रीयुत जगदीप धनखड़ से शिष्टाचार भेंट की

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कुलपति ने विश्वविद्यालय के 41 वें दीक्षान्त समारोह में उपस्थित होने का किया आग्रह

वाराणसी। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने आज भारत गणराज्य के महामहिम उपराष्ट्रपति श्रीयुत जगदीप धनखड़ से दिल्ली में उनके आवास पर शिष्टाचार भेंट की जिसमें 27 नवंबर 2023 को आयोजित होने वाले दीक्षान्त समारोह के अवसर उपस्थित होने के आमंत्रण/निवेदन पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन प्रदान किया।
शिक्षा,संस्कृत,संस्कृति,सामाजिक समरसता एवं उत्तम संसदीय परम्पराओं के संरक्षण पर जोर–
मुलाकात के पाश्चात् कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि उस दौरान उपराष्ट्रपति महोदय ने अत्यन्त आत्मीय-भाव एवं तन्मयता के साथ संस्कृत और उसके विकास से सम्बन्धित विषयों पर गहन चर्चा की। शिक्षा, संस्कृत, संस्कृति, सामाजिक समरसता एवं उत्तम संसदीय परम्पराओं के संरक्षण व सम्वर्धन हेतु श्रद्धेय उपराष्ट्रपति की प्रतिबद्धत्ता अभिनन्दनीय व स्तुत्य है।

“राष्ट्रीय शिक्षा नीति ” के आलोक में संस्कृत के प्रोत्साहन हेतु अपना अमूल्य परामर्श प्रदान किया-
कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि उपराष्ट्रपति महोदय ने “राष्ट्रीय शिक्षा नीति ” के आलोक में संस्कृत के प्रोत्साहन हेतु अपना अमूल्य परामर्श प्रदान किया तथा सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के उन्नयनन हेतु अपनी दृढ प्रतिबद्धता व्यक्त की। आज इस पुनीत अवसर पर वाराणसी की पवित्र धरा पर स्थित सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय परिवार की ओर से उनसे नवम्बर 2023 में आयोजित किये जा रहे दीक्षान्त समारोह में उपस्थित होने का विनम्र निवेदन किया गया।
कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने बताया कि उन्होंने हमारे विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह के अवसर पर उपस्थित होने विषयक निवेदन पर गम्भीरता से विचार करने का आश्वासन प्रदान किया है। उनकी इस सदाशयता एवं आत्मीयता के लिये मैं अपनी ओर से एवं विश्वविद्यालय परिवार की ओर से उनका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं.

कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने अंगवस्त्रम ओढ़ाकर किया अभिनंदन–
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो बिहारी लाल शर्मा ने परंपरानुसार उपराष्ट्रपति का अंगवस्त्रम ओढ़ाकर स्वागत और अभिनंदन करते हुए 233 वर्षों से स्थापित इस प्राच्यविद्या केंद्र के अनवरत विकास यात्रा से संबंधित
परिचय पत्रिका भी भेंट कर इस संस्था के सम्पूर्ण परिचय का भी उल्लेख किया गया.

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