वाराणसी
सच्चे जन सेवक और बेबाक नेता थे पंडित लोकपति त्रिपाठी
रिपोर्ट – प्रदीप कुमार
वाराणसी| स्वर्गीय पंडित लोकपति पंडित राजनिति की दुनियां का एक ऐसा नाम था जो जनस्वास्थ्य ही अपना अभीष्ट मानता था और अपनी बात को पूरी साफगोई से बेबाक अन्दाज में ब्यक्त करने का साहस नैतिक बल रखते थे , इसके लिये उन्हें अपने राजनीतिक जीवन कोई कीमत क्यों न चुकानी पड़ी हो ।
उक्त विचार आज इंग्लिसिया लाईन में पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन कार्यालय में स्वर्गीय लोकपति त्रिपाठी जी की सत्रहवीं पुण्य तिथि पर आयोजित श्रध्दान्जलि गोष्ठी में ब्यक्त किया गया ।
वक्ताओं ने उनके ब्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुये कहा कि उन्हों ने
उत्तर प्रदेश सरकार के सिंचाई, स्वास्थ्य,जेल , खेल, न्याय मंत्री के रूप में प्रदेश मे विकाश का नया आयाम स्थापित किया तथा आल इंडिया कांग्रेस वर्किंग कमेटी के पूर्व सदस्य और लम्बे समय तक उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष के रूप में संगठन को मजबूत किया और इसके साथ साथ वे अपने मतदाताओं शुभचिंतकों के सुख दुख मे सहज़ उपलब्ध रहा करते थे , वे विकास एवं जनसेवा की परम्परा के संवाहक रहे , खेलों की दुनियां में भी उन्हों ने आल इन्डिया हाकी फेडरेशन के उपाध्यक्ष और उत्तर प्रदेश ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष रूप में उल्लेखनीय भूमिका निभाया था ।इतना ही नही काशी की की सांस्कृतिक संस्थाओं के संरक्षक के रूप में भी उनका महत्तम योगदान हुआ करता था, उनके निधन से काशी और उत्तर प्रदेश ने अपना एक महान सपूत खो दिया हम सब स्मृतिशेष पंडित लोकपति त्रिपाठी जी की पावन स्मृतियों को शत शत नमन करते हैं ।
सर्व प्रथम पंडित लोकपति जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उनका पुण्य स्मरण किया गया।
श्रध्दान्जलि सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ नेता श्री विजयशंकर पान्डेय ने और संचालन बैजनाथ सिंह ने किया । विचार गोष्ठी में पंडित जी की पुत्री सुश्री अंजलि त्रिपाठी, पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी, एडवोकेट राधे लाल, राधेश्याम सिंह, भूपेन्द्र प्रताप सिंह, डॉक्टर प्रेम शंकर पान्डेय, प्रभूनाथ पान्डेय, संजय तिवारी, ब्रम्हदेव मिश्र, आनन्द मिश्रा, मनोज चौबे,ज्वाला मिश्रा, अशोक कुमार पान्डेय,वैभव त्रिपाठी , निशांत ओझा, पुनीत मिश्रा, राजेन्द्र सिंह,राकेश पाठक, मोहम्मद अरशद, सतीश मिश्रा अन्जान, अवधेश जायसवाल, कमलाकान्त पान्डेय,कौशल दूबे, पंकज मिश्रा समीर अली, आकाश सेठ, पिन्टू शेख,अमूल्य यादव ,युवराज पान्डेय, गौरव पान्डेय, आदि लोगों ने श्रध्दा सुमन अर्पित किया।