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वाराणसी

पहली बार बदला गंगा आरती स्थल, बढ़े जलस्तर से कई घाटों का टूटा संपर्क

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वाराणसी। काशी में पहली बार कार्तिक पूर्णिमा के बाद गंगा आरती स्थल में बदलाव किया गया है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से दशाश्वमेध घाट सहित 15 से अधिक घाटों का संपर्क टूट गया है।

गंगा सेवा निधि की ओर से बीती शाम होने वाली गंगा आरती अपने मूल स्थान से लगभग 10 फीट पीछे की गई। गंगा आरती के 35 वर्षों के इतिहास में यह पहला अवसर है जब कार्तिक पूर्णिमा के बाद मां गंगा का जलस्तर इस स्तर तक पहुंचा है।

केंद्रीय जल आयोग की बीती रात नौ बजे की रिपोर्ट के अनुसार, गंगा का जलस्तर 63.26 मीटर दर्ज किया गया। 24 घंटे में इसमें 16 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई। बृहस्पतिवार को जलस्तर 63.10 मीटर पर स्थिर था, लेकिन मध्यरात्रि के बाद इसमें बढ़ोतरी शुरू हुई और रात नौ बजे तक जलस्तर 63.26 मीटर पर स्थिर हो गया।

गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र ने बताया कि जलस्तर बढ़ने के कारण आरती स्थल को 10 फीट पीछे स्थानांतरित करना पड़ा। स्थानीय प्रशासन और गंगा सेवा निधि के पदाधिकारियों ने मिलकर व्यवस्था की और सात अर्चकों ने मां गंगा की आरती उतारी।

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, अगले सप्ताह तक जलस्तर में 0.4 मिलीमीटर प्रति घंटे की दर से बढ़ोतरी की संभावना है। हालांकि, वर्तमान में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर से लगभग सात मीटर नीचे है।

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