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फर्नीचर सप्लाई में करोड़ों की रिश्वतखोरी का खुलासा, पूर्व बीएसए समेत तीन पर आरोप

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कोर्ट में पेश हुए साक्ष्य

संतकबीरनगर। जिले के शिक्षा विभाग से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया है। संतकबीरनगर में तैनात रहे तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) अतुल कुमार तिवारी, जो वर्तमान में गोंडा जनपद में बीएसए पद पर कार्यरत हैं, पर करोड़ों की रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप लगा है। इस पूरे प्रकरण में प्रेम शंकर मिश्र और विद्याभूषण मिश्र के नाम भी सामने आए हैं, जिन्होंने मिलकर कथित रूप से एक रिश्वतखोरी सिंडिकेट बनाया था।

मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, जिले के 564 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में फर्नीचर की सप्लाई का कार्य प्रस्तावित था। इस टेंडर में एल-1 फर्म “नरीमन सिटिंग साल्यूशन” को चयनित किया गया था। फर्म के प्रबंध निदेशक मनोज पांडेय ने कोर्ट में साक्ष्य देते हुए बताया कि बीएसए अतुल तिवारी और उनके सहयोगियों ने उनसे 2.25 करोड़ रुपये की रिश्वत की मांग की थी, जिसमें से 30 लाख रुपये एडवांस के रूप में पहले ही दे दिए गए थे।

जब फर्म द्वारा बाकी राशि देने से इंकार किया गया, तो आरोप है कि उक्त अधिकारियों ने मिलकर संस्था को ब्लैकलिस्ट करा दिया, जिससे फर्नीचर सप्लाई का काम अधर में लटक गया और शिक्षा विभाग को भारी नुकसान हुआ।

कोर्ट में दिए गए साक्ष्यों के बाद इस प्रकरण ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भेज दी गई है और जांच एजेंसियां अब इस भ्रष्टाचार के नेटवर्क की गहराई तक पड़ताल करने की तैयारी में हैं।

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स्थानीय शिक्षकों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो शिक्षा विभाग की साख पर गहरा सवाल उठेगा। इस मामले में आने वाले दिनों में कड़ी कानूनी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

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