वाराणसी
दिवाली पर मानसूनी बारिश का साया, पश्चिमी यूपी में सक्रियता 15 दिन से ठहरी

वाराणसी। इस वर्ष मानसूनी सक्रियता समय से पहले शुरू हुई, लेकिन अब तक लौटने का नाम नहीं ले रही है। सामान्यतः मानसून 5 अक्टूबर के आसपास सोनभद्र जिले से पूर्वांचल के रास्ते लौट जाता था, लेकिन इस बार यदि अगले 11 दिन तक भी मानसून सक्रिय नहीं हुआ, तो दिवाली पर बारिश की संभावना बनी हुई है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश होने पर दीयों के जलने में बाधा आ सकती है और पटाखों की आवाज़ भी कम हो सकती है। इसके अलावा इलेक्ट्रिक झालरों में करंट की शिकायतें बढ़ सकती हैं और सड़क पर लगे कारोबार पर भी असर पड़ेगा। भारी बारिश की स्थिति में धान की तैयारियां और लैया-चूड़ा की आवक भी प्रभावित हो सकती है।
पिछले 15 दिन से मानसूनी सक्रियता पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ठहरी हुई है। रुहेलखंड, अवध, मध्यांचल और पूर्वांचल में मानसून लगातार एक ही रेखा पर बना हुआ है। नवरात्र के दौरान पूर्वांचल के कई जिलों में जोरदार बारिश हुई, जिससे तापमान में कमी आई और नदियों का जलस्तर भी बढ़ा।
मौसम विभाग ने गुरुवार को भी मानसून की वापसी की रेखा पश्चिमी यूपी में स्थिर बताई। 26 सितंबर से 9 अक्टूबर तक यह रेखा लगभग अडिग रही। विशेषज्ञों के अनुसार यदि अगले 11 दिन में रेखा आगे नहीं बढ़ी, तो दीपावली पर भी बारिश की संभावना बनी रहेगी।
वाराणसी में अब सुबह हल्का कोहरा दिखाई दे रहा है जिससे आर्द्रता में वृद्धि की उम्मीद कम हो रही है। बाबतपुर मौसम विज्ञान केंद्र ने आगामी दिनों में आर्द्रता 60-80% तक रहने का अनुमान जताया है। तापमान में भी हल्की गिरावट दर्ज की गई है।
दिवाली इस वर्ष 20 अक्टूबर को है, और मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यदि मानसून की सुस्ती नहीं टूटी, तो त्योहारी मौसम में बारिश का असर दिख सकता है।