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चन्दौली

मां दुर्गा के नौ स्वरूप सिखाते हैं धैर्य, त्याग और न्याय का मार्ग : आशीष जायसवाल

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चंदौली। नवरात्र का पावन पर्व सिर्फ धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है। नवरात्रि का पर्व समाज को शक्ति, संयम व सेवा का अद्वितीय संदेश भी देता है। साथ ही शासन व प्रशासन के सहयोग से समाज में सौहार्द, स्वच्छता व सेवा कार्य इस पर्व की आत्मा को और भी सार्थक बनाते हैं। उक्त बातें मंगलवार को नवरात्र की अष्टमी तिथि को समाजसेवी युवा व्यापारी आशीष जायसवाल ने कहीं।

आशीष जायसवाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति का एक अनुपम उत्सव नवरात्रि है। नवरात्रि देवी दुर्गा की उपासना के साथ ही आत्मबल और सदाचार की साधना भी है। माँ दुर्गा के नौ स्वरूप मनुष्य को सिखाते हैं कि जीवन में धैर्य, त्याग व न्याय ही समाज को सही दिशा दे सकता है। नवरात्र के पावन पर्व पर शासन व प्रशासन संचालित स्वच्छता अभियान, गरीबों की सहायता व कन्या पूजन जैसे कार्य समाज में धर्म और सेवा की एक नई मिसाल कायम करते हैं।

समाज का कर्तव्य है कि इस प्रकार के पर्व पर नकारात्मकता से दूर रहकर सकारात्मक संदेश समाज तक पहुँचाने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि उपवास सिर्फ अन्न का नियम नहीं है, यह मन, वाणी व आचरण की पवित्रता का अभ्यास है। माँ आदिशक्ति की कृपा तभी प्राप्त होगी जब हम एक-दूसरे के प्रति सकारात्मक सोच रखकर कार्य करें। कहा कि नवरात्र हमें प्रेरणा देती है कि असत्य पर सत्य, अन्याय पर न्याय और अहंकार पर विनम्रता की सदैव विजय होती रही है। उन्होंने सभी लोगों को नवरात्र व विजयदशमी पर्व की शुभकामनाएँ दी हैं।

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