गाजीपुर
हुरमुजपुर हाल्ट पर हनुमान जी मंदिर बना आस्था का केंद्र
भक्तों के समर्पण से दो तले तक हुआ विस्तार
सादात (गाजीपुर)। सादात ब्लॉक के हुरमुजपुर हाल्ट स्थित हनुमान जी का मंदिर आज क्षेत्र में आस्था और श्रद्धा का प्रमुख केंद्र बन चुका है। इस मंदिर की स्थापना वर्ष 1999 में हुई थी, जब सिद्ध पीठ हथियाराम के पीठाधीश्वर गुरु महाराज भवानी नंदन जी ने इसका जीरो धार (शुभारंभ) कराया था।
यह मंदिर किसी जनप्रतिनिधि, विधायक या सांसद निधि से नहीं बल्कि क्षेत्रीय जनता और हनुमान भक्तों के संपूर्ण समर्पण से बना है। श्रद्धालुओं के योगदान और विश्वास ने इस मंदिर को एक तले से बढ़ाकर अब दो तले का भव्य स्वरूप प्रदान किया है।
स्थानीय श्रद्धालुओं का कहना है कि जो भी व्यक्ति श्रद्धा भाव से यहां पूजा-अर्चना करता है, उसकी मनोकामना पूर्ण होती है। कई भक्तों का विश्वास है कि हनुमान जी की कृपा से संतान प्राप्ति जैसी मनोकामनाएं भी पूरी हुई हैं। यही कारण है कि यह मंदिर आज आसपास के दर्जनों गांवों — रेलवे लाइन के पूरब और पश्चिम तक के भक्तों की आस्था का केंद्र बन गया है।
मंदिर में प्रतिदिन सुबह-शाम आरती और भोग प्रसाद का कार्यक्रम होता है। प्रसाद का वितरण पूर्णतः आपसी सहयोग से किया जाता है। मंदिर की व्यवस्था पहले देवनारायण दास द्वारा संभाली जाती थी, जबकि वर्तमान में अनिल जी मुख्य पुजारी के रूप में नियमित पूजा-पाठ और भोग-अर्चना कर रहे हैं।
भक्तों का कहना है कि हुरमुजपुर हाल्ट स्थित यह मंदिर केवल ईंट-पत्थर का ढांचा नहीं, बल्कि भक्ति, विश्वास और सामूहिक समर्पण का प्रतीक है — जहाँ आने वाला हर व्यक्ति हनुमान जी की कृपा से आत्मिक शांति और आशिर्वाद प्राप्त करता है। इस मंदिर के प्रति आस्था या भक्ति के रूप में कैलाश यादव, मुन्ना चौबे, जयप्रकाश यादव, शिवम चौबे, रमेश चौबे,संजय माली सीताराम यादव,छोटू सिंह,संतोष गुप्ता, राम लखन चौबे, बबलू यादव, संजय यादव, पिंटू सिंह, जगदंबा सिंह उर्फ ननकू सिंह, रामू यादव तथा पतिराम जो बेलपत्र प्रतिदिन शाम को तोड़कर रखते हैं और सुबह मंदिर में वही चढ़ाया जाता है।जहा लगातार उपस्थित होकर इस हनुमान जी के मंदिर के कार्यक्रम को वृहद से वृहद बनाने में श्रद्धा भाव से लगे हुए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, भंडारे का भी आयोजन किया गया था। इस कार्य मंदिर का संचालन या व्यवस्थापक राम प्रसाद यादव द्वारा किया जाता है जिनका लगातार समर्पण इस मंदिर के प्रति रहता है। जब इसे खुद बात हुई तो इन्होंने कहा कि हमें तो हनुमान जी की कृपा से एक नया जन्म हमारा हुआ है नहीं तो मैं इतना बीमार था कि हम बचते नहीं। जो डॉक्टर इलाज कर रहे थे उन्होंने भी कहा कि आपके ऊपर ईश्वर की कृपा है।
