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गोरखपुर

हीमोफीलिया मरीज फैक्टर की कमी से परेशान

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गोरखपुर। लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में फैक्टर की कमी के कारण हीमोफीलिया रोगियों का जीवन संकट में है। संस्थान ने फैक्टर की मांग भेजी है, लेकिन अब तक आपूर्ति न होने से मरीज इंतजार में हैं। अस्पताल प्रशासन ने जल्द ही फैक्टर उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में भी हीमोफीलिया रोगियों के लिए जरूरी फैक्टर-7 और फैक्टर-8 की कमी गंभीर रूप ले चुकी है। नौ नवंबर से स्टॉक खत्म होने के कारण मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं। हीमोफीलिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें हल्की चोट या आंतरिक रक्तस्राव भी जान के लिए खतरा बन सकता है। ऐसे में फैक्टर की उपलब्धता न होना कई रोगियों को सीधे जोखिम में डाल रहा है।

जोड़ों में दर्द, सूजन और लगातार रक्तस्राव की शिकायत लेकर पहुंचने वाले मरीजों को अस्पताल से एक ही जवाब मिल रहा है— “फैक्टर उपलब्ध नहीं है।” आर्थिक रूप से सक्षम मरीज किसी तरह लखनऊ जाकर उपचार करा रहे हैं, लेकिन कमजोर आय वर्ग के मरीज मजबूरी में दर्द झेलते हुए घरों में फैक्टर आने का इंतजार कर रहे हैं।

पड़रौना निवासी करन की स्थिति बेहद गंभीर रही। नाक से तेज रक्तस्राव शुरू होने पर परिवार बीआरडी मेडिकल कॉलेज पहुंचा, लेकिन फैक्टर न मिलने पर उन्हें लखनऊ रेफर होना पड़ा। केजीएमयू पहुंचने पर समय से फैक्टर मिलने से उनकी जान बच सकी। परिजनों का कहना है कि थोड़ी देर भी होती तो हालात बिगड़ सकते थे।

इसी प्रकार देवरिया के एहसान अहमद की जांघ में अचानक आंतरिक रक्तस्राव शुरू हुआ। डॉक्टरों ने फैक्टर की आवश्यकता बताई, लेकिन स्टॉक खत्म होने से उन्हें भी लखनऊ जाना पड़ा। कुशीनगर के आशीष को घुटने में सूजन व रक्तस्राव हुआ और उन्होंने भी राजधानी जाकर उपचार कराया। देवरिया के इमामुद्दीन और कुशीनगर के सुनील समेत कई मरीज आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण लखनऊ जाने में असमर्थ हैं और दर्द में घरों में ही पड़े हैं।

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बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल ने बताया कि फैक्टर की आपूर्ति लखनऊ के एसजीपीजीआई से होती है। मांग भेज दी गई है, लेकिन स्टॉक अभी उपलब्ध नहीं हो पाया है। फैक्टर मिलते ही मरीजों को दिया जाएगा।

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