वाराणसी
सात जून से चलेगा ‘सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा’ व ‘एक कदम सुपोषण की ओर’ अभियान

शहरी सीएचसी शिवपुर में सीएमओ की अध्यक्षता में आयोजित हुई संवेदीकरण कार्यशाला
पीएचसी-सीएचसी पर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हों ओआरएस व जिंक, बनाए जाएं कॉर्नर
गर्भवती, धात्री महिलाओं, कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों के लिए उपलब्ध हों आवश्यक दवाएं
वाराणसी: जनपद में ‘सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा’ व ‘एक कदम सुपोषण की ओर’ अभियान सात जून से शुरू किया जाएगा। यह अभियान स्वास्थ्य विभाग और बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग (आईसीडीएस) के संयुक्त सहयोग से संचालित किया जाएगा। इस संबंध में शुक्रवार को शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवपुर में संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ संदीप चौधरी की अध्यक्षता में किया गया। इसमें स्वास्थ्य व आईसीडीएस विभाग के अधिकारियों व स्वास्थ्यकर्मियों को विस्तृत जानकारी दी गई।
सीएमओ ने बताया कि सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा अभियान (22 जून तक) का उद्देश्य शिशु मृत्यु दर में कमी लाने एवं निर्जलीकरण की रोकथाम के लिए बाल्यावस्था (पाँच वर्ष तक के बच्चों) में दस्त के दौरान ओआरएस व जिंक के उपयोग के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना, समुदाय स्तर तक ओआरएस व जिंक की उपलब्धता, स्वच्छता व हाथों को साफ रखने से विभिन्न रोगों से परिवार को सुरक्षित रखने तथा कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों में डायरिया व कुपोषण की रोकथाम करना है। वहीं ‘एक कदम सुपोषण की ओर’ अभियान (6 जुलाई तक) गर्भवती व धात्री महिलाओं के साथ कुपोषित बच्चों के लिए चलेगा। इसका उद्देश्य गर्भवती व धात्री महिलाओं तक फोलिक एसिड, आयरन फॉलिक एसिड, कैल्शियम एवं एल्बेन्डाजॉल की उपलब्धता व सेवन को बढ़ावा देना, कुपोषित बच्चों तक आयरन सीरप, एल्बेन्डाजॉल, विटामिन-ए एवं मल्टी विटामिन की उपलब्धता व सेवन को शत-प्रतिशत सुनिश्चित करना है। इस अभियान के माध्यम से प्रत्येक लाभार्थी तक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराये जाने के साथ ही इनके सेवन के लिए जागरूकता भी प्रदान की जायेगी एवं लक्षित समूह को पोषण सम्बन्धी जानकारी व परामर्श दिया जाएगा।
सीएमओ ने समस्त अधीक्षकों, चिकित्सा प्रभारियों, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों व अन्य अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी नगरीय व ब्लॉक स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर ज़िंक ओआरएस कॉर्नर बनाए जाएँ, बच्चों को साबुन से हाथ धोने के लिए प्रेरित किया जाए। घरेलू आहार का सेवन करने के लिए समुदाय को प्रेरित करें। शहरी व ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता समिति में ओआरएस की उपलब्धता सुनिश्चित करें। सभी पीएचसी-सीएचसी पर पर्याप्त मात्रा में ज़िंक ओआरएस उपलब्ध रहें। कम वजन वाले बच्चों को प्राथमिकता देना। अति संवेदनशील क्षेत्र जैसे शहरी मलिन बस्ती, दूर-दराज़ के क्षेत्र, खानाबदोस, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार ईंट भट्टे आदि पर रहने वाले परिवार एवं ऐसे क्षेत्र जहां पूर्व में डायरिया आउटब्रेक हुआ हो एवं बाद में प्रभावित होने वाले क्षेत्र पर विशेष ज़ोर दिया जाए। ‘एक कदम सुपोषण की ओर’ अभियान में समस्त स्वास्थ्य इकाईयों की ओपीडी व आईपीडी, मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व क्लीनिक (केवल गर्भवती महिलाओं के लिए) एवं वीएचएसएनडी-यूएचएसएनडी सत्र के माध्यम से जनजागरूकता एवं आवश्यक दवाओं का वितरण सुनिश्चित किया जाए। यह ध्यान देना आवश्यक है कि यह सभी सेवायें प्रसव के दौरान, प्रसव पश्चात महिलाओं एवं गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को भविष्य में भी इसी प्रकार नियमित रूप से दी जानी है।
नोडल अधिकारी व डिप्टी सीएमओ डॉ एचसी मौर्या ने कहा कि दोनों अभियानों के सफल संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग और आईसीडीएस विभाग के अधिकारियों और स्वास्थ्यकर्मियों का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने समस्त अधीक्षकों व प्रभारी चिकित्साधिकारियों से कहा कि अभियान का माइक्रोप्लान तैयार कर समुदाय में लक्षित लाभार्थी को लाभ प्रदान किया जाए। अभियान में यूनीसेफ, न्यूट्रीशन इंटरनेशनल व अन्य संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा। एसीएमओ डॉ एके मौर्य ने बाल्यावस्था में डायरिया व कुपोषण की रोकथाम के लिए विस्तृत जानकारी दी।
इस अवसर पर डिप्टी सीएमओ डॉ एचसी मौर्य, एसीएमओ डॉ एके मौर्य, डॉ एसएस कनौजिया, समस्त अधीक्षक व एमओआईसी, डीएचईआईओ, नगरीय स्वास्थ्य समन्वयक, समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ), डीसीपीएम, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, यूनिसेफ से डॉ शाहिद व अंजनी राय, एनआई से सुनीता सिंह व अपराजिता सिंह, बीपीएम, बीसीपीएम, सीसीपीएम एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।