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संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के अगले ही दिन यानी 4 दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होगा। चुनाव नतीजों से ही तय होगा कि लोकसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष में से कौन ज्यादा आक्रामक रुख अपनाता है।
विपक्ष जिन मुद्दों को उछाल सकता है, उनमें जातीय जनगणना की मांग सबसे प्रमुख है। ईडी, सीबीआई और आईटी जैसी केंद्रीय एजेंसियों की कथित एकतरफा कार्रवाइयों के खिलाफ ‘इंडिया’ ब्लॉक एकजुट है।
सत्र की शुरुआत से पहले ही तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप और एथिक्स कमेटी की ओर से उन्हें सदन से निकालने की सिफारिश की जा चुकी है।
इसके अलावा आम आदमी पार्टी के सांसद राघव के निलंबन का मामला भी गूंजने के आसार हैं। ऐसे में विपक्ष की ओर से टकराव की संभावना बढ़ गई है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बहस छेड़ सकती है भाजपा सरकार
सूत्रों का कहना है कि भाजपा इस सत्र में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर भी बहस छेड़ना चाहेगी। हालांकि इस मुद्दे पर अभी लॉ कमीशन ने अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी है। इसके अलावा सरकार विंटर सेशन में IPC, CrPC और एविडेंस लॉ से जुड़े तीनों बिल पारित करा सकती है।