वाराणसी
वीडीए जोनल अधिकारी और जेई रिश्वतकांड में सस्पेंड, आउटसोर्स इंजीनियर की सेवा समाप्त

वाराणसी विकास प्राधिकरण में रिश्वतखोरी का बड़ा मामला सामने आया है। जोनल अधिकारी सिंह गौरव जयप्रकाश, जेई अशोक यादव और आउटसोर्स इंजीनियर मोहम्मद अनस को एंटी करप्शन टीम ने 19 जुलाई को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद योगी सरकार ने तत्काल प्रभाव से जोनल अधिकारी और जेई को सस्पेंड कर दिया है, जबकि मोहम्मद अनस की सेवा वीडीए उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने समाप्त कर दी है। फिलहाल तीनों आरोपी चौकाघाट जिला जेल में बंद हैं और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। अपर आयुक्त प्रशासन को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है और जेल में आरोप पत्र तामील कराया जा रहा है।
मामला रामनगर के संगत मैदान निवासी अजय गुप्ता की जमीन से जुड़ा है। पंचवटी के पास करीब छह हजार वर्ग फीट में उन्होंने चंचल चौरसिया को किराए पर जमीन दी थी, जहां ढाबा बनवाया गया था। इसी निर्माण को लेकर वीडीए अधिकारी 50 हजार रुपये की मांग करने लगे। पैसा न देने पर अवैध निर्माण का हवाला देते हुए नोटिस थमा दिया गया। अजय गुप्ता से रोजाना दबाव बनाया जा रहा था और रिश्वत के बदले निर्माण कार्य को नजरअंदाज करने की बात कही जा रही थी। अधिकारी मौके पर जाकर खाना खाते लेकिन भुगतान नहीं करते।
अजय गुप्ता ने अंततः एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया और पूरे मामले की जानकारी दी। 18 जुलाई को योजना के तहत अजय गुप्ता ने 25 हजार रुपये की राशि आउटसोर्स इंजीनियर अनस की कार की डिग्गी में रखी। जैसे ही अनस ने रुपये हाथ में लिए, एंटी करप्शन टीम ने उसे मौके पर पकड़ लिया। पूछताछ में उसने बताया कि वह यह पैसा जोनल अधिकारी और जेई के निर्देश पर ले रहा था। इसके बाद दोनों अधिकारियों को भी मौके से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद तीनों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।
यह कार्रवाई वाराणसी में भ्रष्टाचार पर सरकार की सख्ती का संकेत है और यह मामला अब पूरे शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।